gtag('config', 'UA-178504858-1'); मायूस हुए पूर्व सीमेंट कर्मचारियों ने पावना भूगतान व समायोजन को लेकर की बैठक। - सोन प्रभात लाइव
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मायूस हुए पूर्व सीमेंट कर्मचारियों ने पावना भूगतान व समायोजन को लेकर की बैठक।

डाला – सोनभद्र / अनिल कुमार अग्रहरि – सोन प्रभात

डाला सोनभद्र- स्थानीय डाला सीमेंट फैक्ट्री के पूर्व सीमेंट कर्मचारियों ने सेक्टर सी हनुमान मंदिर प्रांगण में पावना भुगतन व समायोजन को लेकर एक बैठक की गई।


जिसमें भारतीय मजदूर संघ के प्रभारी बीडी विश्वकर्मा एवं डाला इकाई संघ पदाधिकारी मणी शंकर पाठक सहित डाला चुर्क चुनार गुरमा के कर्मचारी सामिल रहें
मिली जानकारी के मुताबिक रविवार दोपहर बारह बजे से सेक्टर सी हनुमान मंदिर प्रांगण में पूर्व सीमेंट निगम के कर्मचारियो ने बैठक केबताया कि मा.उच्चन्यायालय के आदेश पर 8 दिसम्बर 1999 को डाला,चुर्क,चुनार में स्थित राजकीय सीमेन्ट फैक्ट्री को बंद कर दिया था।इसके बाद भी सीमेन्ट प्रबंधन के आदेश पर सभी कर्मचारी पूर्व की भांति ही कार्य करते रहे।31 जुलाई 2001 को शासकीय समापक अधिकारी ने सीमेन्ट फैक्ट्री को हैण्डओ वर कर लिया। उस समय डाला, चुर्क, चुनार व गुर्मा में लगभग पाँच हजार से अधिक कर्मचारी काम करते थे।जिसमें 28 सौ कर्मचारी डाला सीमेन्ट निगम में कार्यरत्त थे।कारखाना को बाईन्ड कर दिया गया।जिसके बाद कार्यरत्त समस्त सीमेन्ट कर्मीयो कि सेवाए समाप्त कर दी गयी ।अचानक सीमेन्ट निगम कि बंदी से सीमेन्ट कर्मीयो कि स्थिति दिनोदिन दयनीय हो गयी।

कई सीमेन्ट कर्मीयो ने आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या तक कर लिया।बहुत लोगो का दवा के अभाव में मौत हो गयी ।बच्चो कि शिक्षा दिशा बंद हो गयी ।किसी प्रकार बच्चे हुए लोग परिवारो का यहा-वहा कामकर भरणपोषण करने में लगे हैं उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत 812 सीमेन्ट कर्मीयो को वेतन, पेंशन एवं शेष बचे कार्यावधि के तहत समायोजन किया गया है। यह सुविधा उन्ही सीमेन्ट कर्मीयो तक सीमित रह गया है, जिन्होने उच्चतम न्यायालय में वाद दाखिल किया था।अभी भी डाला सीमेन्ट निगम के दो हजार से अधिक सीमेन्ट कर्मी शेष बचे है, जो गरीबी व अनभिज्ञता के कारण न्यायालय में वाद दाखिल नहीं कर सके है।सबका साथ सबका विकास के तहत इन कर्मीयो को भी वेतन, पेंशन, समायोजन व ईपीएफ का लाभांष दिया जाय।कुछ कर्मचारीयो ने उच्चम न्यायालय में वाद दाखिल किया था और निर्णय भी उनके पक्ष में आया।
जिसे मुख्यसचिव उत्तर प्रदेश को प्रेषित भी किया गया।लेकिन यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि दावा समायोजित कर्मचारियो के समान नहीं हैंजिससे लोग हताश व निराश हैं।

इस दौरान केदार समीम अख्तर खा स्वतंत्र श्रीवास्तव मणीशकर पाठक द्वारिका चंद्रवंशी पवारी चौधरी श्याम सुंदर शर्मा सजावल पाठक रामसरन गुप्ता प्रभु राम चंदशेखर सिंह ओमप्रकाश तिवारी रविन्द्र देव पांडेय असर्फी लाल गंगा देवी बसंती देवी सामिल रहें।

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