वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग कर उत्पादन दुगनी कर सकते हैं अन्नदाता – भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी
दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात
- आईजीबीआर वाराणसी ने ढाई सौ आदि किसानों के बीच 38 कुंतल धान के बीज का किया वितरण।
दुद्धी सोनभद्र तहसील के गोविंदपुर
म्योरपुर ब्लॉक क्षेत्र के बनवासी सेवा आश्रम के विचित्रा महा कक्ष में बुधवार को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी ने म्योरपुर, बभनी,दूद्धी चोपन ब्लॉक के 250 आदिवासी किसानों के बीच 38 कुंतल उन्नत किस्म के संशोधित धान का बीज एवं बरसात में बोई जाने वाली सब्जी के बीज का मुफ्त में वितरण किया।और बोवाई,गुड़ाई ,देख ,रेख,सिंचाई के तरीके बताए।कृषि वैज्ञानिक डॉ सुदर्शन मौर्या,और डॉ सुभोजित ने किसानों को बताया कि धान के बीज 15 जून से 15 जुलाई के बीच कर दे और समय से रोपाई करे।ज्यादा घना बीज बोने से उपज घट जाती है इसके लिए जरूरी है की पुराने तरीके बदले और वैज्ञानिक तरीके से खेती करे तो एक विघा में 6 कई जगह 10 से 12 कुंतल धान पैदा होगा।
कुछ गांवों में सावन की पूजा के बाद आदिवासी भाई कुछ जगहों पर धान की रोपाई करते है यह परंपरा छोड़ना चाहिए।कहा कि बीज डालने के पूर्व उसे संशोधित कर ले तो बीज अच्छा तैयार होगा।इसी तरह घरु बगिया में साग सब्जी उगाए और समय के साथ खर पतवार की निगरानी करें तो उपज अच्छी होगी। शुभा प्रेम ने किसानों का आह्वान किया कि किसान भाई वैज्ञानिको के बताए रास्ते पर चल कर खेती करें।और अन्य किसानों को भी जागरूक करें।
मौके पर विमल भाई,देवनाथ भाई, जगत भाई,केवला दुबे,उमेश चौबे,राम बृक्ष, रामविचार,रामसुभाग,अशोक कुमार रघुनाथ ,रमेश भाई,समेत अन्य किसान उपस्थित रहे।