वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी के विरुद्ध प्रकीर्ण वाद होगा दर्ज।

सोनभद्र – सोन प्रभात / वेदव्यास सिंह मौर्य – जितेंद्र चंद्रवंशी
- 19 जुलाई को न्यायालय के समक्ष हाजिर होकर अपना पक्ष रखने एवं आख्या प्रस्तुत करने का आदेश
- 12 मुकदमों से सम्बंधित अभियुक्तों के बारे में मांगी गई आख्या 3 माह बाद भी न देने का मामला
- एडीजे प्रथम अदालत ने अत्यंत आपत्तिजनक, अकरणम्यता एवं लापरवाही का द्योतक माना
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने 12 मुकदमों से सम्बंधित अभियुक्तों के बारे में 3 माह बाद भी आख्या प्रस्तुत न करने पर कड़ा रुख अपनाते हुए अत्यंत आपत्तिजनक, अकरणम्यता एवं लापरवाही का द्योतक मानते हुए वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी के विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही आगामी 19 जुलाई को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा है। इसके अलावा 13 मार्च को मांगी गई आख्या भी प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
बता दें कि कोर्ट ने वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी को 13 मार्च 2022 को भेजे पत्र में आदेशित किया गया था कि जिला कारागार सोनभद्र से स्थानांतरित होकर केंद्रीय कारागार वाराणसी भेजे गए 12 मुकदमों से सम्बंधित अभियुक्तों के अर्थदंड के सापेक्ष सजा भुगतने तथा सजा सम्पूर्ण करने के सम्बंध में अविलंब आख्या अविलंब प्रेषित करें। किंतु उक्त पत्र प्रेषित किए हुए 3 माह से अधिक समय व्यतीत हो गया, लेकिन वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी ने आख्या प्रस्तुत नहीं की। जिसे कोर्ट ने अत्यंत आपत्तिजनक माना है। कोर्ट ने कहा कि आख्या अविलंब प्रस्तुत करने को आदेशित किया गया था, किंतु 3 माह बाद भी आख्या नहीं भेजना अकर्णयमता एवं लापरवाही का द्योतक है। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी कोर्ट से भेजे गए पत्र एवं आदेशों को गम्भीरता से नहीं लेते और न ही उसका अनुपालन करने में ही रुचि लेते हैं। यहीं वजह रही कि आज तक आख्या नहीं प्रस्तुत की गई। अतः धारा 349 के तहत वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी के विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज किया जाए। साथ ही 19 जुलाई 2022 को न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत रखें एवं 13 मार्च 2022 को मांगी गई आख्या भी प्रस्तुत करने का आदेश दिया है ।