वनवासी सेवा आश्रम: बेशक़ीमती लकड़ी के पेड़ों की कटाई जोरो पर।
जितेंद्र चन्द्रवंशी/आशीष गुप्ता
दुद्धी/सोनभद्र- सोनप्रभात
- ~ जंगल भगवान भरोसे , अधिकारी बेपरवाह कुभकर्णीय निद्रा में लीन।
- ~ लॉकडाउन का समय वनमाफियो के लिए स्वर्णिम काल।
- ~ वनवासी सेवा आश्रम में कटे पेड़ों की तस्वीर।
दुद्धी ,सोनभद्र। अंतर्गत म्योरपुर वन रेंज एवं रेनुकुट वन प्रभार में बेशकीमती लकड़ियों का कटान लॉक डाउन में भी रुकने का नाम नहीं ले रही। आए दिन खैर, साखु सागौन ,आसन, जैसे मजबूत और कीमती लकड़ियों को पलंग, दरवाजा, खिड़की आदि का स्वरूप देने के लालच में और मोटी कीमत वसूलने के चक्कर में पर्यावरण प्रकृति का समूल नाश गैर जिम्मेदार अधिकारियों के कारण वन माफिया, खनन माफिया अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे।
लॉक डाउन में जहां एक ओर सोशल डिस्टेंस के नाम पर लोग घरों में कैद हैं वही खनन माफिया, वन माफिया सरकार के मंसूबे पर पानी फेरने में लगे हैं । बावजूद जिम्मेदार अधिकारी मामले को निपटाने में लगे हैं।
वाकया बेहद हैरान कर देने वाला था। जब सोनप्रभात न्यूज टीम के वरिष्ठ सदस्य संवाददाता जितेंद्र चन्द्रवंशी ने जब तरोताजा, हरे पेड़ों की कटान बनवासी सेवा आश्रम की जंगलों में बेतहाशा काटा गया देखा। ताजी कटी ठूठ देखकर किसी भी पर्यावरण प्रेमी का मन द्रवित हो उठता। वाकई वनमाफियो के हिम्मत की दाद देनी होगी।
“जहां एक ओर प्रकृति की मार से मानव बेहाल है,वही अवांछनीय ,शातिर ,माफिया अपने लिए लॉक डाउन सबसे महफूज वक्त मानकर, अंधाधुंध बेशकीमती लकड़ियों का कटान कर, जिम्मेदार अधिकारियों के मुंह पर कालिख पोतने का काम कर रहे हैं।”
यही रहा तो जंगल भगवान भरोसे रह जाएगा सूत्रों की माने तो हाथी नाला के जंगलों को भी जलाने के नाम पर हरे पेड़ों की नित्य बलि दी जा रही है। जिसे देखने वाला कोई नहीं। दुद्धी, बघाडू ,म्योरपुर, रेणुकूट क्षेत्रों में यह माफिया वायरस की तरह फैले हैं। सूत्रों की माने तो बीके हुए चन्द अधिकारियों का भी इन्हें संरक्षण प्राप्त होता रहा है।
बेख़ौफ़ होकर कटान तभी तो हो रहा वर्ना जब आम आदमी को सब दिख रहा तो जिम्मेदार लोगो को क्यो दिखाई नही देता ??
समय रहते अगर पर्यावरण के सरंक्षण पर सरकार नहीं चेती तो प्रकृति का भयावह रूप जल्द ही सामने आ सकता है, जिसके जिम्मेदार शासन प्रशासन के लोग होंगे।
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