हिंदी साहित्य सम्मेलन जिला इकाई सिंगरौली द्वारा काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन।

विंध्य नगर / सिंगरौली / सुरेश गुप्त ग्वालियरी – सोन प्रभात
वैढन स्थित नव चेतना विद्यालय में महा कवि तुलसी दास जी के जयंती पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे स्थानीय कवियों के अलावा सासन,जयंत से पधारे कवियों ने शिरकत की। गोष्ठी का संचालन करते हुए नारायण दास विकल ने मुख्य अतिथि अमृत विद्यापीठ के संचालक डॉक्टर अश्वनी कुमार तिवारी को ससम्मान आसंदी पर बैठाया, हिंदी साहित्य सम्मेलन सिंगरौली के अध्यक्ष प्रवेश मिश्रा ने सर्व प्रथम मुख्य अतिथि सहित उपस्थित कवि गण के साथ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पूजा अर्चना व माल्यार्पण किया।

इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में सुरेश गुप्त ग्वालियरी भी उपस्थित रहे!! संस्था के अध्यक्ष प्रवेश मिश्रा ने सभी आगंतुक अतिथियों एवम कवि जनो का स्वागत किया! कवि गोष्ठी का आगाज करते हुए सासन से पधारे वरिष्ठ रचनाकार सुरेंद्र शाह ने मां वाणी वंदना के साथ ही एक सुमधुर गीत प्रस्तुत किया ..
भूल न जाना कभी, बाबू और माई को!
उनके तप त्याग ,
कठिन कमाई को!!
प्रसिद्ध गजलकार संजीव पाठक सौम्य ने अपनी गजल आइना भी अक्सर, मुझे गुमराह करता है,मैं किसी और पर और वह मुझ पर मरता है!! सुनाकर खूब वाहवाही लूटी!
सासन से पधारे वरिष्ठ गीतकार के पी सोनी ने तुलसी दास जी के जीवन पर आधारित दोहे सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया।
प्रथम पूज्य वो मातु है,दिया जन्म जिस लाल
युगों युगों तक के लिए,देकर गई मिशाल!!
सुनाकर माहौल को भक्त मय बना दिया!! संस्था के उपाध्यक्ष एवम सिंगरौली के मूर्धन्य कवि प्रविंदु चंचल जी अपने काव्य धारा से भक्ति रस की गंगा बहाते हुए तुलसी के जीवन पर कुछ मार्मिक एवम प्रेरणा दायक दोहे पढ़कर वातावरण को भक्ति मय बना दिया!!
एक मात्र कवियत्री के रूप में उपस्थित जरीना बानो ने अपनी गजल के कुछ असरार प्रस्तुत किए.. जिंदगी के सफर में दोस्त बनाते चलो!
दिल मिले या न मिले,हाथ मिलाते चलो!!
मनोहर लाल वर्मा ने गुरु पितु मातु आज्ञा से ,वन गए लक्ष्मण सीता राम!
चौदह वर्ष तक तज दिया, अयोध्या का धन धाम!! प्रस्तुत किया वहीं अवधेश नामदेव ने आज की राजनीति पर करारा वार करते हुए कहा..महंगाई की मार झेल रही पब्लिक,त्योहारी उल्लास में डूबी है सरकार!! रुपए में बाइस पैसे, भरी तिजोरी! फटी जींस जैसे दिल्ली थोक बाजार!!
भाई लाल शर्मा की रचना .. जै श्री तुलसी दास की,किया राम से प्यार! मानस लिख कर दे दिया,इस जग को उपहार!!
सफल संचालन कर रहे संस्था के प्रदेश महामंत्री तथा आशु कवि नारायण दास विकल ने अपने मुक्तक दोहों व छंद से खूब वाहवाही बटोरी!! बोल देखिए.
पैर उखड़ा, भुमन दिल ओ टूटा हुआ, चोट ऐसी लगी दिल से जाती नहीं।

वरिष्ठ कवि व पत्रकार सुरेश गुप्त ग्वालियरी ने अपनी नई रचनाएं सुनाकर माहौल को गंभीर बना दिया, बानगी देखिए..बुरा हाल है आज कबीरा! कंकड़ पत्थर जोड़ बनाते,हथियारों का आज जखीरा!!
एक और रचना..जब किरणों को प्रतिबंधित करना चाहता है,और मुट्ठी में बंद करना चाहता है, रोशनी को खास आदमी!! तब अंधेरे को जीता है आम आदमी!!
अब बारी थी नियोजन अधिकारी एवम संस्था के अध्यक्ष तथा प्रतिष्ठित कवि प्रवेश मिश्रा की ,आपने मां वाणी से आशीर्वाद मांगते हुए रचना का पाठ किया.. मानसी वीणा बजाकर, जग संवारो शारदे,मुक्त कर सारे दुखों से,जिंदगी सुख सार दे!! के साथ ही तुलसी जयंती पर अपने भाव प्रगट करते हुए तुलसी,मानस,और राम पर अपने गहरे विचार प्रस्तुत किए ,कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि डॉक्टर अश्वनी तिवारी ने तुलसी कृत राम चरित मानस को भारतीय संस्कृति एवम आदर्श का एक महान ग्रंथ बताते हुए कहा इसमें हम भ्रातत्व ही नही एक आदर्श ,चरित्र ,मर्यादा एवम त्याग की कथा को पढ़ते है!! इस तरह के आयोजन निश्चित ही हम लोगों को आदर्श पथ पर चलने के लिए प्रेरित करते है।

अंत में जिला इकाई हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष श्री मिश्रा जी द्वारा जिला इकाई कार्यकारिणी की घोषणा की गई, जो निम्न है…
अध्यक्ष.. प्रवेश मिश्र “
“मयंक “
उपाध्यक्ष…. प्रिविंदु दुबे “चंचल”
सचिव ….नारायण दास विकल
सह सचिव.. संजीव पाठक सौम्य
कार्य कारिणी सदस्य..
श्री मती साधना शर्मा
श्री मती सीमा शर्मा
सुरेश गुप्त ग्वालियरी
सुरेश मिश्र गौतम
के पी सोनी