यूपी पंचायत चुनाव :– ‘जिताऊ के साथ टिकाऊ’ उम्मीदवार खोज रहे सियासी दल, सबसे ज्यादा ग्राम प्रधान पद पर है मारामारी ।
सोनप्रभात – डिजिटल डेस्क
एस0 के0गुप्त “प्रखर”
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव अभी घोषित भी नहीं हुआ हैं। कि सियासी दलों की गांव तक सक्रियता बढ़ गई है। सपा, बसपा भाजपा और कांग्रेस पार्टी के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव में उतरने के लिए तत्पर दिखाई पड़ रही है। यही कारण है कि गांव में किसी न किसी बहाने से पार्टी के नेताओं ने अभी से गाँवो में दस्तक देना शुरू कर दिया है। जबकि यह काम कई महीनों से चल रहा है। वोटर बनाने के लिए भी राजनैतिक दल पूरी तरह से सक्रिय हो गए है। सबसे अधिक गहमा गहमी प्रधान और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए है। दोनों ही पदों के पीछे कहीं न कहीं आर्थिक लाभ छिपा है।
यही वजह है कि इन दोनों पदों के लिए सियासी दलों ने भी अभी अपनी प्रतिष्ठा को लगाना शुरू कर दिया है। सत्तारुढ दल की ओर से तो इस बार ऐन केन प्रकारेण जिला पंचायत के अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा करने की रणनीति है। इसके लिए ही पूरी जमीन तैयार की जा रही है। सभी में ऐसे चेहरों को देखा जा रहा है जो कि जिताऊ के साथ ही टिकाऊ भी हों और मौका पड़ने पर पाला बदलने की स्थिति में न हों, वहीं समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में माहौल को भांपकर ही प्रत्याशियों को उतारे जाने की तैयारी चल रही है। इसमें पुराने चेहरों के अलावा नए चेहरों पर ज्यादा भरोसा करते भी देखा जा रहा है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह के यहां पंचायत चुनाव को लेकर कुछ ज्यादा ही फिक्रमंद हो गए है। पार्टी की ओर से पहले ही एलान किया गया है कि चुनाव में कार्यकर्ता किस्मत आजमाएंगे और जीतेंगे भी। कांग्रेस पहले से ही न्याय पंचायत स्तर पर बैठकें कर रही है। इस चुनाव में विरोधियों का पत्ता साफ करने की तैयारी की जा रही है। चुनाव को लेकर न्याय पंचायत, ब्लाक स्तर पर लगातार बैठकें भी चल रही हैं। बूथों पर सक्रियता बढ़ाने के पीछे कहीं न कहीं पंचायत चुनाव का भी कारण जुड़ा है।
वोटर बनवाने को लेकर जिस तरीके से खासतौर पर सत्तारुढ़ दलने सक्रियता दिखाई उससे यही अंदाजा लग रहा है कि यह चुनाव पार्टी ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया है।सियासी दलों की गांव तक अब सक्रियता काफी बढ़ गई है।