जन्म दिन पर याद किए गए पंत, और कर्म योगी प्रेम भाई, धीरेंद्र मजूमदार।

दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात
- जहर घोलती चिमिनियो से विकास का सपना देखना बेमानी।
- दक्षिणांचल के विकास में प्रेम भाई की सोच और कर्म अनुकरणीय।
गोविन्दपुर / सोनभद्र बनवासी सेवा आश्रम में शनिवार को प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री ,भारत रत्न गोविंद बल्लभ पन्त,कर्म योगी स्वर्गीय प्रेम भाई,और खादी तथा ग्रामोधोग के प्रणेता धीरेंद्र मजूमदार के जन्म दिन पर प्रेरणा स्थल पर सर्व धर्म प्रार्थना के साथ उनके समाधि पर पुष्पअर्पित कर उन्हे श्रद्धांजलि दी। इसके बाद आश्रम के अध्यक्ष साहित्यकार अजय शेखर के अध्यक्षता में गोष्टी का आयोजन कर तीनो महापुरुषों के जीवन पर प्रकाश डाला गया।

श्री शेखर ने कार्यकर्ताओं,छात्र छात्राओं का आह्वान किया कि भारत को विश्व गुरु के रूप में पुनः स्थापित करना है तो खुद को पहचानो और विकास का पैमाना उन जहर उगलती चिमनियो से मत करो जिसमे रोजगार कम और प्रकृति का दोहन,स्वास्थ्य, की खराबी ज्यादा ही नही जानलेवा है।उन्होंने ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने भाई चारा बढ़ाने की बात कही। प्रदीप भाई ने पंडित गोविंद बल्लभ पंत के जीवन पर प्रकाश डाला और बताया कि इस क्षेत्र में और देश की आजादी में उनका योगदान क्या रहा। शिक्षा निकेतन की प्रधानाचार्या इंदुबाला और प्रदीप सिंह ने प्रेम भाई के साठ के दशक से लेकर जीवंत प्रयंत संघर्ष और क्षेत्र के विकास के लिए कृषि,स्वास्थ्य,जमीन,और शिक्षा,जल सरक्षण के साथ युवाओ को रोजगार से जोड़ने के कामों पर प्रकाश डाला।

यश्वी पांडेय ने हम क्यू भूल रहे है मेहनत कस किसानों को… काव्य रचना के माध्यम से किसानों की परिस्थितियों और दर्द को रखते हुए कहा कि जो हमरा पेट भर रहा है उसकी उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि फूल चढ़ाने ,माला पहनाने से हम सच्चे मन से महा पुरुषो को याद नहीं कर सकते इसके लिए जरूरी है।

इनके कार्यों को आगे बढ़ाए। बच्चो ने “चलके दखगांव एक बेरिया भूल न ज ईबे शहर ओरिया” गीत गाऐ। मौके पर शुभा प्रेम,विमल सिंह, रविंद्र जायसवाल, माया सिंह, देवनाथ भाई, लाल बहादुर सिंह,जगत भाई, गिरधारी,यज्ञनारायण भाई, पूजा विश्वकर्मा,सीता देवी शर्मा, डा. रजावत रजावत, रेखा शर्मा,सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे। संचालन शिव शरण सिंह ने किया!