म्योरपुर : बिना एनओसी नही कर सकते हवाईपट्टी के जद में आने वाली जमीन पर भवन निर्माण।
- भारतीय विमानपत्तन प्रधिकरण ने जिलाधिकारी को पत्र लिख कराया अवगत।
- वर्तमान में हो रहे भवन निर्माण को ठहराया निर्माण।
- 6 गांव भविष्य में हो सकती है विस्थापित – सूत्र
म्योरपुर/ सोनभद्र / पंकज सिंह – सोन प्रभात
म्योरपुर हवाईपट्टी विस्तारीकरण के जद में आने वाली 6 गांव में शनिवार शासन द्वारा आये एक पत्र को देखते ही हलचल मच गई पत्र में विवेक चन्द्रवंशी वरिष्ठ प्रबन्धक (अभि-सिविल)द्वारा भारतीय विमानपत्तन प्रधिकरण को म्योरपुर हवाईपट्टी के जद में आने वाले जमीन पर हो भवन निर्माण के बारे में अवगत कराते हुए पत्र लिखा है कि विमानपत्तन नियमो के अनुसार किसी विमानपत्तन के निश्चित सीमा में किसी भी प्रकार के निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ता को एनओसी लेना अनिवार्य है।
म्योरपुर विमानपत्तन के निकट क्षेत्रों में अवैध निर्माण हो रहे हैं जिसके कारण भविष्य में म्योरपुर विमानपत्तन से ए-321 विमानों के परिचालन हेतु भूमि अधिग्रहण में बाधा आने की आशंका है भविष्य में भूमि अधिग्रहण को सुगम बनाने हेतु एवं विमानों के सुगम परिचालन हेतु म्योरपुर विमानपत्तन के निकट क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण कार्यों को रोकने के लिए उचित कार्रवाई की जाने का अनुरोध किया है जिसे वरिष्ठ प्रबंधक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने गंभीरता से लेते हुए जिला अधिकारी व उप जिला अधिकारी तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी को पत्र लिख अवगत कराया है की हवाई पट्टी के जद में आने वाले गांव में तत्काल प्रभाव से मकान निर्माण कार्य को रोक दिया जाए।
अगर ऐसा हुआ तो म्योरपुर का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा बतादे की म्योरपुर आजादी के पहले से ही बस गांव है अगर 700 एकड़ में अगर हवाईपट्टी का विस्तार होता है तो म्योरपुर, बलियरी,हरहोरी,कुंडाडीह,बभनडीहा,परनी गांव को काफी नुकसान होगा ग्रामीणों को अपने जमीन पर भवन निर्माण को अतिशीध्र रोकने के आदेश ने झकझोर के रख दिया है उन्हें विस्थापन का डर सताने लगा है।