gtag('config', 'UA-178504858-1'); काव्य गोष्ठी में स्थानीय कवियों ने वाह वाही बटोरी, रसिक जन काव्य धारा में गोते लगाते रहे। - सोन प्रभात लाइव
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काव्य गोष्ठी में स्थानीय कवियों ने वाह वाही बटोरी, रसिक जन काव्य धारा में गोते लगाते रहे।

सिंगरौली / सुरेश गुप्त ग्वालियरी – सोन प्रभात

दुद्धिचुआ स्थित सेक्टर एक में म प्र हिंदी साहित्य सम्मेलन जिला इकाई अध्यक्ष श्री मती शालिनी श्रीवास्तव के आवास पर एक वृहद काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों से पधारकर रचनाकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।

सरस्वती पूजन एवम मां वाणी वंदना पश्चात वरिष्ठ कवि सुरेश गुप्त ग्वालियरी के अध्यक्षता तथा नारायण दास विकल के कुशल संचालन में काव्य गोष्ठी का आगाज करते हुए आध्यात्म को परिभाषित करते हुए अवधेश कुमार नामदेव ने ओम शब्द की महिमा तथा शक्ति पर अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा, ओम है एक मंत्र,आत्मा का संगति ओम, ओम चिन्ह अदभुत है,संपूर्ण ब्रह्मांड में समाया ओम!!
अजय केशरी अजेय ने भारतीय संस्कृति एवम नारी वाद का समर्थन करते हुए कहा, पीत वर्ण धारण कर नारी, जो अति सुंदर है अति प्यारी!!
वरिष्ठ कवि एवम शिक्षक राम खेलावन मिश्र ने माहौल बदलते हुए बघेली बोली में भाई बहिन के मिलन को गांव की माटी और भूले बिसरे परिजन एवम स्वजन के स्मृति का सुंदर सजीव चित्रण पेश किया! बानगी देखिए. आए आजु मोर भईया, खुशी छाई घर अगनैयां।


गीतकार एवम हिंदी साहित्य सम्मेलन जिला इकाई अध्यक्ष श्री मती शालिनी श्रीवास्तव ने अपने मधुर कंठ से अनेक गीत प्रस्तुत किए, ससुराल और मायके के बीच सामंजस्य स्थापित करती हुई यह कविता..हमने कल तक बाबुल के घर, खेली आंख मिचौली है,आज एक ओर है राखी,दूजे तरफे डोली है!! सुनाकर खूब वाह वाही बटोरी!! गजल कार युवा कवि संजीव कुमार पाठक सौम्य ने चेताते हुए कहा आसमान में उड़ो पर नजर जमी पर ही रखिए. देखिए एक बानगी..मिट्टी का।खिलौना है तू, किस गुमान में है,अरमान ढेर होंगे सभी, कहां आसमान में है!! अब बारी थी ओज के कवि एडवोकेट प्रिविंदु दुबे चंचल की, वक्त और काल चक्र को समाहित करते हुए हुंकार भरी..वक्त पालकी की उठाया है किसने, जिंदगी यहां डगमगाने लगी है!! सफल संचालन कर रहे वरिष्ठ कवि एवम संस्था के सचिव नारायण दास विकल ने अनेक मुक्तक, दोहे और गीत प्रस्तुत कर माहौल को ऊंचाइयां प्रदान की!! अंत में काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि सुरेश गुप्त ग्वालियरी ने अपनी नई रचना..बीच सड़क पर गाय पड़ी है,कौने कौने भैंस खड़ी है, कैसे अपनी मंजिल पाऊं, चौतरफा जब मौत खड़ी है! रोड नही पर टैक्स भरा है,कागज किसे दिखाएं!! कहो दारोगा बाबू आखिर कैसे जान बचाएं!!
अंत में सभी आगंतुक कवियों का आभार शालिनी श्रीवास्तव ने किया, एवम स्मृति चिन्ह प्रदान किया!! समापन के पश्चात ऊर्जांचल के युवा कवि सुजान तिवारी समर्थ के असामयिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई!!
आज के भव्य काव्य गोष्ठी में महिला श्रोताओ ने रचनाओं का भरपूर आनंद ही नही लिया खूब तालियां बजाईं!!
उपस्थित नारी शक्ति में प्रमुख रूप से प्रेरणा मिश्रा, विनीता राठौड़,रेखा नामदेव, अन्नी तिवारी, प्रियंका शर्मा, शिल्पी पांडेय, प्रीति नामदेव, आरती पांडेय, अनुराधा शर्मा, अनीता द्विवेदी सहित अनेक श्रोता उपस्थित रहे!!

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