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सोनभद्र – पदोन्नति नहीं तो प्रभारी और संकुल का कार्य नहीं, दुद्धी के शिक्षकों ने फूंका क्रांति का बिगुल।

सोनभद्र/ जितेंद्र कुमार चंद्रवंशी/सोनप्रभात

बीआरसी दुद्धी परिसर में सैकड़ों शिक्षकों/शिक्षिकाओं ने प्रभारी प्रधानाध्यापक पद और संकुल के पद से इस्तीफा पत्र और ज्ञापन सौंपकर एक बड़ी खबर बना दी है।  ज्ञातव्य है कि बेसिक शिक्षा में शिक्षकों की पदोन्नति लगभग आठ वर्षों से लंबित है और विभाग द्वारा शिक्षकों से ही प्रभारी और संकुल का कार्य लिया जा रहा है।वरिष्ठ शिक्षक शैलेश मोहन ने कहा कि “बेसिक शिक्षा में नित नए नए प्रयोगों से शिक्षण कार्य अपने उद्देश्य से भटक रहा है। पदोन्नति एक अनिवार्य प्रक्रिया है जिसे वर्षों से बाधित कर शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है।”

शिक्षक जितेंद्र चौबे जी, राजेश पाण्डेय जी व सदानंद मिश्र ने कहा कि “पदोन्नति के लिए एक ही वर्ष में कई बार आदेश हो रहे हैं। नौकरशाह अपने ही वरिष्ठ अधिकारियों की आज्ञा का पालन नहीं कर रहे हैं।अब हम शिक्षक भी अपना उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेंगे।जब तक पदोन्नति नहीं होती तब तक हम शिक्षक भी प्रभारी पद का त्याग करते हैं।”

सुश्री धनेश्वरी ने कहा कि “शिक्षकों का उत्पीड़न अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

कार्यक्रम के अंत में भोलानाथ (अध्यक्ष, प्रा.शि.संघ,दुद्धी) ने सबका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “आपका आक्रोश जायज है ।बार बार पदोन्नति के नाम पर केवल लॉलीपॉप ही दिया गया।बस बहुत हुआ अब शिक्षक प्रभारी और संकुल के कार्य नहीं करेंगे।इसकी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।”

यद्यपि निहित शासनादेशों में प्राविधान प्रक्रिया के तहत प्रबंधकीय व्यवस्था का सतत संचालन हेतू एक निर्दिष्ट समयावधि के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में प्रभारी के पद पर नियुक्त किए जाने का एवं उसके सापेक्ष अतिरिक्त भुगतान किए जाने का उल्लेख किया गया है। परंतु निर्दिष्ट समय अवधि व्यतीत हो जाने के बावजूद भी ना हीं प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्तियां की जा रही ना हीं प्रभारी पद के अधिभार का भुगतान ही किया जा रहा। जो शासन देश में निर्दिष्ट प्रावधानों का उल्लंघन है।  जितेन्द्र चौबे नें कहा की पदोन्नति के लिए 1 वर्ष में कई बार आदेश हो रहा नौकरशाह अपने ही अधिकारियों के आज्ञा का पालन नहीं कर रहे, शैलेश मोहन ने कहा कि बेसिक शिक्षा में नित्य नए प्रयोग हो रहे हैं जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किया। उक्त संबंध में सैकड़ो की संख्या में शिक्षण संकुल भोलानाथ अग्रहरी, अवधेश कुमार कनौजिया, मुसाई राम, छबिलाल, राजदेव,शैलेश मोहन, सदानंद मिश्रा, जितेंद्र चौबे, अभिषेक कुमार, राजेश पांडेय, राकेश शर्मा, राजेश झा, आशीष कुमार,मोहम्मद आजम, विवेक शांडिल्य, लोकपति, हृदयनारायण, वरुण यादव, मनीष, बिहारी लाल, वीरेंद्र बहादुर, योगेश शशिकांत, देवमणि माला सिंह, धनेश्वरी, प्रियंका, प्रभा पाल, विभा चौरसिया,आराधना आदि उपस्थित थे।

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