gtag('config', 'UA-178504858-1'); दुद्धी - विश्व खाद्य दिवस पर ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत को 107 वें स्थान पर रखें जाने को इंटरनेशनल साजिश की वक्ताओं द्वारा आलोचना - पंoदीनदयाल विचार मंच। - सोन प्रभात लाइव
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दुद्धी – विश्व खाद्य दिवस पर ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत को 107 वें स्थान पर रखें जाने को इंटरनेशनल साजिश की वक्ताओं द्वारा आलोचना – पंoदीनदयाल विचार मंच।

दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात

दुद्धी सोनभद्र आज दिनांक 16 अक्टूबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय विचार मंच के तत्वाधान में होटल ग्रीन स्टार दुद्धी में ” विश्व खाद्य दिवस ” के उपलक्ष्य पर विचार संगोष्ठी व सामूहिक प्रीतिभोज का आयोजन किया गया, आयोजन का शुभारंभ पंडित दीनदयाल उपाध्याय विचार मंच के अध्यक्ष डॉक्टर लवकुश प्रजापति व उपाध्यक्ष रामेश्वर राय द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र के पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया तत्पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित प्रबुद्ध जनों का स्वागत कर विश्व खाद्य दिवस पर चर्चा प्रारंभ की गई।

वक्ता डॉ राजकुमार राजावत द्वारा विश्व खाद्य दिवस क्यों मनाया जाता है खाद्य समस्या के कारणों पर प्रकाश डाला उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एक एकात्मकवाद का उदाहरण देते हुए कहां की यदि भोजन की समस्या हल करनी है तो सबसे पहले हमें अन्नदाता किसान को मजबूत करना होगा,क्योंकि वही इसकी मुख्य कड़ी है साथ ही उन्होंने संतुलित “तिरंगा भोजन ” करने के लिए प्रेरित किया ।
वरिष्ठ पत्रकार विष्णु अग्रहरी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हमें अपने आसपास ध्यान रखते हुए यह देखें कि कहीं कोई भूखा ना रहे और उसकी मदद करने के लिए हम उसके राशन कार्ड बनाने में मदद करें क्योंकि इस समय वर्तमान सरकार गरीबों को निःशुल्क अनाज मुहैया करा रही है यदि हम चाह लें तो सभी लोगों को राशन उपलब्ध हो सकेगा और कोई भूखा भी नहीं रहेगा। वक्ता संवाददाता विष्णु कांत तिवारी ने खाद्य पदार्थों के वेस्टेज को लेकर चिंता व्यक्त की और उन्होंने सभी से यह प्रण लेने को कहा की “भोजन की उतनी ही मात्रा थाली में लें कि भोजन व्यर्थ ना जाए नाली में” इस वाक्य को अपने मन में बैठा कर हम इस प्रतिज्ञा पर अडिग रहकर अपना योगदान दे सकते हैं।वक्ता कवि डॉक्टर लखन राम जंगली जी ने एक भूखे बुजुर्ग व्यक्ति के ऊपर स्थानीय भाषा में कविता सुना कर अपनी बात प्रारंभ की उन्होंने कहा कि खाद्य की समस्या नयी नहीं है,हमारा देश इससे पहले से निपटता आ रहा है हमारी सनातन सभ्यता में तो हमने चींटी और कुत्तों और गायों के भोजन की भी व्यवस्था की है हमें बस अपना इतिहास याद रखते हुए वर्तमान जीव की रक्षा में भोजन की जो परेशानियां हैं उनसे निपटना है।


एडवोकेट राकेश श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में बताया कि गरीबी एक मुख्य कारण है जिसके कारण लाखों लोग भूखे सो रहे हैं परंतु वर्तमान सरकार पूरी तरह सचेत है और जन जन तक राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं, उन्होंने पंडित दीनदयाल का उदाहरण देते हुए कहा कि पंडित जी का कहना था कि व्यक्ति कमाकर खाए और भीख मांग कर ना खाएं तो सभी से अपील की कि जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रण लें और सरकार पर निर्भरता घटाएं,
भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं मंच उपाध्यक्ष मनोज सिंह बबलू द्वारा कहा गया कि हमारा देश खाद्य समस्या से बरसो जुड़ा है उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री जी का जय जवान जय किसान का नारा याद दिलाते हुए कहा की देश को मजबूत बनाने के लिए किसान को मजबूत करना आवश्यक है साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार रोटी कपड़ा और मकान के लिए अच्छा कार्य कर रही है और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा भारत को हंगर इंडेक्स में 107 नंबर पर रखने पर नाराजगी जाहिर की। 80 करोड़ जनता को मुफ्त में सरकार अनाज उपलब्ध करा रही है, पंडित दीनदयाल उपाध्याय विचार मंच के उद्गम स्रोत स्वरूप भाजपा प्रबुद्ध प्रकोष्ठ व अध्यक्ष के निष्ठा लगन की प्रशंसा की,
पर्यावरणप्रेमी व समाजसेवी कमलेश मोहन द्वारा बताया गया कि पर्यावरण में असंतुलन वा जलवायु परिवर्तन भी खाद्य समस्या का एक मुख्य कारण है उन्होंने सभी से अधिक से अधिक फलदार वृक्ष लगाने का प्राण लेने को कहा ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहे, अवैध कटान को लेकर कविता के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यक्त की।
अतिथि बिपिन बिहारी अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान सरकार पंडित दीनदयाल के सिद्धांतों पर चलते हुए अंत्योदय कल्याण के लिए कार्य कर रही है।
एडवोकेट नंदलाल अग्रहरी द्वारा कहां गया कि हमें पाश्चात्य संस्कृति के विचारों को समेटकर भारतीय दर्शन आगे करना होगा तभी खाद्य समस्या हल हो सकेगी उन्होंने साईं इतना दीजिए जामे कुटुम समाय वाक्य के माध्यम से समझाया कि भारतीय लोग उतना ही अनाज एकत्रित करते हैं जितने में काम चल जाए जबकि पाश्चात्य लोग अनावश्यक एकत्र करते हैं वह भोजन बर्बाद करते हैं।
विचार मंच के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामेश्वर राय द्वारा विनोदी स्वभाव में अपने विचारों को रखा, बताया कि भारत अपने पड़ोसी देशों को मदद के तौर पर उनको अनाज उपलब्ध करा रहा है साथ ही पूरे विश्व में अनाज की किल्लत पड़ने पर मदद कर रहा है ऐसे में भारत को हंगर इंडेक्स में निचले पायदान पर रखने में अंतरराष्ट्रीय एजेंसीयों की मंशा पर सवाल भी खड़े किए।
कार्यक्रम के अंत में संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर लवकुश प्रजापति द्वारा सभी उपस्थित लोगों को कार्यक्रम में उपस्थित रहने के लिए साथ हीं अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और और उन्होंने कहा कि देश के पास अन्य की कमी नहीं है बस हमें कुछ जरूरी कदम उठाने हैं जिनमें गरीबों को राशन उपलब्ध कराना ,जलवायु परिवर्तन से फसलों को बचाना, अनावश्यक युद्ध से बढ़ने वाली महंगाई को रोकना ,रासायनिक उत्पादों को कम इस्तेमाल करना, स्थानीय कृषकों को बढ़ावा देकर हम खाद्य समस्या का हल कर सकते हैं, अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत भारत में भूखे रहने वाले आंकड़े पर सवालिया निशान खड़ा किया l विचार गोष्ठी का संचालन विचार मंच के महामंत्री जितेन्द्र कुमार चंद्रवंशी द्वारा किया गया l इस मौके पर संरक्षक जवाहरलाल एडवोकेट, शिव शंकर गुप्ता एडवोकेट मंत्री, जगदीश्वर प्रसाद जयसवाल, डॉ संजय, डॉ कृष्ण कुमार चौरसिया, डॉक्टर राजबहादुर सहित दर्जनों संवाददाता एवं विचार मंच के लोग उपस्थित रहे l

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