अचलेश्वर महादेव मंदिर के स्थापना दिवस पर रामचरित मानस कथा पाठ।

डाला – सोनभद्र/ अनिल अग्रहरी – सोन प्रभात
डाला सोनभद्र : श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर के 55 वे स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर विगत अवसर के भांति इस वर्ष भी मानस परिवार समिति द्वारा आयोजित पांच दिवसीय सत्संग के पांचवे व आखरी दिन अयोध्या से पधारे कथावाचक पंडित मधुसूदन शास्त्री मानस मधुर ने श्रीरामचरितमानस कथा में वनवास भोग रहे प्रभु श्रीराम की लीला सुनाई , जहां रावण द्वारा माता सीता के हरण के पश्चात प्रभु श्री राम कैसे भाई लक्ष्मण के साथ वन में माता सीता को ढूंढते भटक रहे है , जहां प्रभु ने पशु पक्षियों के मदद से माता सीता का पता प्राप्त किया ।

माता सीता को ढूंढते ढूंढते उनकी मुलाकात सुग्रीव से होती है ,सुग्रीव की वानर सेना की मदद से प्रभु लंका तक पुल निर्माण कर सोने की लंका पर चढ़ाई करते है , लाखो दैत्यों का संघार किया और अंत में रावण का अंत कर माता सीता को लंका से वापस अयोध्या की ओर चल पड़ते है । वन से लेकर लंका तक की उत्तेजक कथा का भक्तो को रसपान कराया । शास्त्री जी का माल्यार्पण व्यवसाई संतोष त्रिपाठी ,सजावल पाठक एवम अद्वैत ने किया , तत्पश्चात श्री रामायण जी की आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया । तथा श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर के महंत मुरली तिवारी ने पांच दिवसीय कथा में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया तथा अपने आशीर्वचन में श्रद्धालुओं एवम विश्व कल्याण के लिए मानस परिवार समिति हमेशा ऐसे सत्संग का आयोजन भविष्य में भी करती रहेगी एवम दिनांक 17 अक्टूबर को अखंड श्री रामचरितमानस पाठ का आयजोन प्रातः सात बजे से होगा जिसके पश्चात दिनांक 18 अक्टूबर को हवन द्वारा यज्ञ पूर्णाहुति की जाएगी तथा दिनांक 19 अक्टूबर को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा अतः सभी भक्त अपनी उपस्थिति देकर पुण्य के भागी बने । साथ ही श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के सचिव ने सत्संग में आए हुए सभी भक्तो आभार प्रकट किया एवम दिनांक 19 अक्टूबर को होने वाले श्री अचलेश्वर महादेव संगीत समारोह में सभी को आमंत्रित किया । कथा के पांचवे दिन विद्याशंकर पांडेय ,सुरेश पांडेय अविनाश शुक्ला ,सूर्य प्रकाश तिवारी , मणिशंकर पांडेय ,पवन शर्मा , मंजू तिवारी ,इंदु शर्मा ,मुनि जायसवाल , किरण तिवारी ,जया टिया आदि लोग मौजूद रहे । कार्यक्रम का संचालन पंडित राजेश मिश्र ने किया ।