”हाथ तिरंगा छूकर देखो, ह्रदय में ज्वाला दहकेगी!”– सोनप्रभात परिवार आपको 72वें गणतंत्र दिवस की बधाई देता है।
सोनप्रभात – गणतंत्र दिवस विशेष–
प्रिय पाठक,
विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत जो हिमालय से भी ऊंचा और सर्वे भवंतु सुखिनः की तर्ज पर एक समावेशी लचीले संविधान की स्थापना कर, विभिन्न जाति, धर्म,पंथ, मजहब के लोगों को एक संविधान से एक अरब 40 करोड़ लोगों को बांधकर समुद्र जैसी गहराई लिए जो विद्यमान है। ऐसे महान लोकतंत्र के राष्ट्रीय महापर्व गणतंत्र दिवस की हृदय से हार्दिक शुभकामनाएं।
– सोनप्रभात परिवार
हाथ तिरंगा छूकर देखो,
ह्रदय में ज्वाला दहकेगी!
तन मन धन न्यौछावर कर दूँ,
रोम रोम से सदा उठेगी!!चक्र कहेगा चलते जाओ,
नहीं किसी से डरना प्यारे!
दुश्मन के सीने पर चढ़ जा,
हे मेरे नयनों के तारे!!मैं केवल इक वस्त्र नहीं हूँ,
सिर पर मुझे बांध कर देखो!
तीन रंगो से सजा अस्त्र हूँ,
सीमा पर फहराकर देखो!!जो भी आता गोद में मेरे,
तीन रँगो से उसे सजाती!
माथे तिलक लगाकर उसको,
रूप बदल कर माँ बन जाती!!सुरेश गुप्त ‘ग्वालियरी ‘
सम्पादक मण्डल सदस्य – सोनप्रभात