बेबस लाचार तंत्र :- कई वर्षों से विधवा को नहीं मिल रहा राशन एक उम्मीद की किरण कम्युनिटी किचन वह भी बंद।
- जितेंद्र चन्द्रवंशी-दुद्धी/सोनप्रभात
“अजूबों का गांव विकासखंड दुद्धी, कई वर्षों से राशन कार्ड नहीं।”
सोनभद्र। दुद्धी विकासखंड अंतर्गत ग्राम – बोधाडीह , थाना- विंढमगंज, दुद्धी सोनभद्र की रहने वाली एक अभागी विधवा नौरंगिया देवी उम्र 87 वर्ष पत्नी स्वर्गीय बिगन राम जिसका आज से कई वर्षों से राशन कार्ड , कोटेदार को स्वर्गीय बिगन राम द्वारा दिया गया था। परंतु ना वो कार्ड वापस हुआ और ना ही कोई नवीन राशन कार्ड दिया गया। बिना राशन कार्ड के दुरुह क्षेत्र गोधडी गांव में जैसे तैसे अपनी बेबसी लाचारी पर जिए जा रहे हैं। वैश्विक महामारी लाक डाउन में नवरंगिया देवी को खाने का एक सहारा कम्युनिटी किचन के माध्यम से विद्यालय में दोनों वक्त का भोजन मिलना शुरू हुआ तो मानो असहाय विधवा को मानो भाग्योदय हो गया, असहाय महिला भोजन की उम्मीद को लेकर घर से अपना बिछावना लेकर विद्यालय को ही अपना रैन बसेरा बना दिया। पर उसे क्या पता था यह खुशी भोजन की कुछ दिनों की मेहमान है । दिनांक 22 तारीख से कम्युनिटी किचन में भोजन बंद होने पर भूख से पड़ी रही और सभी विद्यालय में भोजन बनाने वाले वहां से चले गए अचानक महिला की हालत बिगड़ने लगी , इकलौता पुत्र को (मां की हालत दयानीय प्रतीत हुई) को जब पता चला तो लोगों के सहयोग से एंबुलेंस बुलवाया गया और अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी पहुंचने पर ग्लूकोस की बोतल चढ़ने पर जैसे पुनः जीने की कुछ आस जगी दिखी ।
- – ग्रामीणों ने निभाया अपना कर्तव्य समय से पहुँचवाया अस्पताल।
लाचार सिस्टम और गैर जिम्मेदार प्रधान , कोटेदार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लोग और ऐसे लोग जो निर्बल असहाय विधवा जैसी पात्र लोगों को उपेक्षित कर अपनी कैसे चांदी काटने की जुगत में लगे रहते हैं।
- – 21वीं सदी में जहां सरकार हर गरीब को भरपेट पौष्टिक भोजन सुप्रीम कोर्ट के आदेश – “भोजन का अधिकार कानून ” का क्या खूब उपहास किया जा रहा है ।
शर्मसार करने वाली व्यवस्था को संज्ञान में लेते हुए खाद्य आपूर्ति एवं जिला पूर्ति अधिकारी जिलाधिकारी सोनभद्र मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की अपील इस लेख के माध्यम से किया जा रहा है।
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