gtag('config', 'UA-178504858-1'); संस्कृत पढ़ संस्कार का परिष्करण कर,संस्कृति की रक्षा करें- पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज जी। - सोन प्रभात लाइव
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संस्कृत पढ़ संस्कार का परिष्करण कर,संस्कृति की रक्षा करें- पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज जी।

  • 👉” ना मंदिर मिलेंगे ना गुरुद्वारे मिलेंगे, तेरे घर में है तेरे भगवान, कर लें माता को प्रणाम कर लें पिता को प्रणाम ” गीत से माता-पिता के त्याग और बलिदान का मार्मिक चित्रण किया।
  • 👉आज होगा माता सीता की विदाई।

 

दुद्धी – सोनभद्र – जितेंद्र चन्द्रवंशी – सोनप्रभात

दुद्धी सोनभद्र शिव की नगरी ग्राम पंचायत मल्देवा दुद्धी सोनभद्र के पावन धरती पर भगवान के सुकुमार सुंदर मुख का नैनाभिराम दृश्य का सजीव पंडित दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज जी के द्वारा अमृत वचनों द्वारा वर्णन किया गया।

साथ ही सुबाहु और मारीच नामक आसुरी शक्तियों द्वारा जब भगवान श्रीराम को देखा गया तो मन प्रेम करने को आकर्षित कर रहा था ऐसे थे प्रभु श्री राम, यज्ञ की उत्पत्ति में विघ्न कारक शक्तियों को नाश करने के लिए जब गुरु ने सुकुमार को धर्म यज्ञ की रक्षा के लिए रघुकुल के राजा दशरथ के पास गए तो सहस्र तैयार होता नहीं देख कर, गुरुकुल के गुरु विश्वामित्र धर्म यज्ञ से उत्पन्न प्रभु राम के बारे में समझाया, स्मरण होने पर राजा दशरथ ने गुरु के साथ जाने का जब आदेश दिया।

कलाई जब गुरु विश्वामित्र ने प्रभु श्री राम का पकड़ा तो अद्भुत कोलाहल तरंग हुई आदि मार्मिक बातों को सुनकर भक्ति में शराब और श्रोता मंत्रमुग्ध दिखे, और प्रभु ने आसुरी शक्तियों का संघार का रिजल्ट की रक्षा की,सीता स्वयंवर मैं जब भरी राज दरबार में जहां प्रभु श्रीराम भी लक्ष्मण के साथ मौजूद थे, वहां राजा जनक ने कहा कि लगता है मेरे पुत्री के भाग्य में विवाह की रेखा लगता है नहीं बनाई गई है, जब प्रभु श्री राम ने कहां की कच्चे घड़े के समान मैं ब्रह्मांड को तोड़ने की क्षमता रखने वाला यहां मौजूद हूं और मेरे छत्रिय धर्म को ललकारा जा रहा है, क्रोधित सुर्ख लाल प्रभु को गुरु विश्वामित्र द्वारा समझाया गया तत्पश्चात धनुष की प्रत्यंचा को स्तुति कर चढ़ाया गया, मानो चराचर में पंछी नदियां पेड़-पौधे हवाएं पर्वत की श्रृंखलाएं थर थर कांप रही थी का बखान महाराज के मुखारविंद उसे जब किया गया तो शानदार गीत संगीत भक्ति रस में सराबोर श्रोता बंधु द्वापर युग का एहसास करते देखे गए, बाल रूप में सजधज कर तैयार माता सीता एवं प्रभु श्री राम रूपी झांकी का विवाह हुआ और सखियों के द्वारा गीत भी गाया गया, जय श्री राम, व सियावर रामचंद्र की जय के गूंज से ग्राम वासी नगर वासी आनंद की अनुभूति कर रहे थे।

इस मौके पर मुख्य अतिथि श्रीमती कोमल पांडेय राष्ट्रीय ब्राम्हण युवजन सभा प्रदेश महामंत्री, प्रदेश मंत्री श्रीमती सिंधु शुक्ला, प्रदेश प्रचारक श्री देव पांडे जी, प्रसन्ना चौबे मोहित शुक्ला, आगंतुक अतिथि गण के साथ जिला प्रचारक नितिन जी जिला मंत्री दिलीप कुमार पांडेय, पूर्व जिलाजज राजन चौधरी, क्रय विक्रय समिति अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद राय, आयोजन समिति के संयोजक डॉ हर्षवर्धन अध्यक्ष निरंजन कुमार जयसवाल शैलेश कुमार मनीष कुमार जयसवाल, धर्म जायसवाल, आदि लोगों द्वारा अतिथियों एवं व्यास पीठ पर मौजूद पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज सहित समस्त वाद्य यंत्रों के कलाकारों का अंगवस्त्रम देकर और तिलक लगाकर आयोजक मंडल द्वारा स्वागत किया गया, शिव तांडव स्तुति मंत्र के द्वारा शानदार संचालन मनोज कुमार मिश्र द्वारा किया गया।

 

 

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