चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना कर पूजा पाठ किया।
डाला सोनभद्र- कोटा ग्राम पंचायत के टोला तेलगुडवा के मूलनिवासी आदिवासी समुदाय के लोगों ने अपने आराध्य देवी देवताओं के प्राचीन सभ्यतानुसार विधि विधान व पारंपरिक संस्कृतिक नृत्य व देवी भजन के साथ सुसज्जित करते हुए चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना किया गया। मां भगवती का सेवक बन नौ दिन तक हवन पूजन गीत भजन के साथ अनुष्ठान कर आदिवासी समुदाय के लोगों ने पारंपरिक तरीके से पूर्ण किया।
सोमवार को तेलगुडवा टोला से डाला गोरादह नर्सरी के पास सिर पर जइया हवन का पात्र ढोल झांझ मजीरे मानर आदि वाद्ययंत्रों के साथ महिला पुरुष युवा युवतियों की टोली पूरे गांव की परिक्रमा करते हुए धानु भगत के पंवारा अद्भुत लय समवेत राग में गाते बजाते हुए लगभग पांच से सात किलोमीटर दूरी तय कर जइया कलश और पूजन की अन्य समाग्री बहते जल में प्रवाहित कर दिया गया
इस दौरान आदिवासी समुदाय की टोली डाला नगर में पहुंची तो उसे देख समाजसेवी पारस नाथ यादव अजय कुमार बलवीर चंद्रवंशी ने सभी लोगों जलपान करवाएं व आशिर्वाद प्राप्त की।
यह जनपद आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है जहां आज भी कभी कभी प्राचीन सभ्यताओं के साथ मूलनिवासी आदिवासी समुदाय के लोगों में सांस्कृतिक कल्चर जिंदा दिखाई दे देता है
इस दौरान राजेन्द्र कुमार तपसी देवी सूरजबली रामप्रसाद मानधारी रविन्द्र कुमार सुरेश कुमार सोनी कुमारी मुनिया कुमारी रामबरन जीता बिनोद राम सामिल रहें।