सोनभद्र : पुस्तैनी जमीन को लेकर निजी कंपनी और आदिवासी के बीच नोक झोंक।

- नोक झोंक।विवाद बड़ा रूप ले सकता है।
डाला – सोनभद्र / अनिल कुमार अग्रहरि – सोन प्रभात
डाला सोनभद्र- चोपन थाना क्षेत्र के सलाईबनवा में एसीसी सीमेन्ट द्वारा कराए जा रहे बाउन्ड्री को कैलाश गोंड ने रोका। बताया यह हमारी पुस्तैनी जमीन है।

पनारी ग्राम पंचायत के पनारी खास में सलाईबनवा रेलवे स्टेशन के पास कैलास गोंड की पुस्तैनी जमीन थी जो किसी अनुसूचित के नाम रजिस्ट्री कर दिया गया । जिसका रिपोर्ट क्षेत्रीय लेखपाल ने भी सब जानते हुए रिपोर्ट लगा दिया था । जिसे जुलाई 2022 में एसीसी सीमेन्ट द्वारा रजिस्ट्री को लेकर गलत पाए जाने पर जांच का विषय वन गया जिसमें पूर्व में हुई रजिस्ट्री को शासन ने गलत रजिस्ट्री बताते हुए खारिज कर दिया। और भूमि को राज्य सरकार में तब्दील कर दिया । ऐसे में कैलाश गोंड ने अपनी गुहार रेवेंयू में किया जहां कोर्ट में बिचारा धिन है।ऐसे में एसीसी सीमेन्ट द्वारा उक्त भूमि को अपने हक में लेने के लिए पनारी ग्राम पंचायत में जमीन सम्बन्धित भूमि से 15%ज्यादा खरीदते हुए जमीन का एक दूसरे में ट्रांसफर करने का सिलसिला प्रराम्भ कर दिया गया।

इस सबन्ध में निजी कंपनी के अधिकारी रबिन्द्र दुबे ने बताया कि जिला प्रशासन के आदेशानुसार ही हम लोग बाउन्ड्री कर रहे हैं। जिसे कैलाश द्वारा रोका गया।

इन सम्बन्ध में कैलाश गोंड ने बताया कि जमीन हमारी पुस्तैनी है। यदि किन्ही कारण से राज्य सरकार के खाते में चली गयी तो उस पर हमारा अधिकार हैं । यदि निजी कंपनी से 15% ज्यादा भूमि लेकर जिलाप्रशासन उन्हें सौपना चाहती हैं तो हम भी आने गांव की जमीन का स्थानांतरण अपने पुस्तैनी जमीन के एवज में करना चाहते हैं जिस पर हमारा अधिकार हैं। हम 15% क्या 20% जमीन बढ़ा कर दूंगा क्यों कि पुस्तैनी जमीन पर अधिकार हमारा था और हमारा हैं।

प्रशासन की आदिवासीयों के प्रति रवैया निरंकुश है और पूंजी
पतियों के साथ व्यवहार सराहनीय है । इस तरह का कार्य अधिकार कर रहे है जो आदिवासी हितों के लिए घातक हैं।