बिना किसानों के सहमति पत्र के करवा दिया तालाब पर लाखो का काम
निजी भूमि पर,सरकारी पैसा खर्च करने के लिये राज्यपाल के नाम भू स्वामियों को करना होता है रजिस्ट्री
हमारे बांध पर हमसे बिना पूछे करा दिया गया इंटरलॉकिंग कार्य भू स्वामी
खण्ड विकास अधिकारी व उपजिलाधिकारी को प्राथना पत्र दे भू स्वामियों ने लगाया न्याय की गुहार
पूर्व में छठ घाट बनाई गई है तब किसी ने नही किया आपत्ति ग्राम प्रधान
पत्रकारों से पूछे गए सवाल पर बोले जिलाधिकारी जांच कर कार्यवाही कराई जाएगी
म्योरपुर/पंकज सिंह
म्योरपुर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत नौडीहा में ग्राम प्रधान द्वारा 14 भू स्वामियों के जमीन पर उनसे बिना सहमति पत्र लिए करा दिया गया है लाखो रुपये कार्य बताते चले कि नौडीहा पोखरी टोला में स्थित तालाब श्रीनारायण आदि का है उक्त तालाब पर छठ पूजा करने के लिये एक छठ घाट का निर्माण जिला पंचायत से कराया गया था अब उक्त भूमि के चारो ओर ग्राम प्रधान द्वारा अमृत सरोवर बनाने के लिये तालाब के चारो ओर इंटरलॉकिंग कार्य कराया जा रहा है सूत्र बताते है कि अमृत सरोवर वाले स्थान पर इंकरलाकिंग करने के एवज में लाखो रुपये निकाल लिया गया है भू स्वामी मौके पर जब पहुचे तो तालाब के चारो ओर इंटरलॉकिंग देख हैरान हो गए गुरुवार को भू स्वामी खण्ड विकास कार्यालय पर पहुच खण्ड विकास अधिकारी को एक प्राथना पत्र दिया है जिसमे लिखा गया है अमृत सरोवर बनने से हम बाग बगीचे लगाने से वंचित हो जाएंगे एवं लाखो की हमारी पुश्तैनी जमीन चली जायेगी।
भू स्वामी श्रीनारायन ने बताया की हम कुछ भाई पास के गांव लीलासी एवं देहवार में रखते है यहां पर तेतरी देवी पत्नी देव मूरत ने अपने हिस्से वाली भूमि पर छठ घाट बनवाया है बाकी जमीन हम लोगो की है ग्राम प्रधान द्वारा गुपचुप तरीके से इंटरलॉकिंग का कार्य कराया है हम लोगो के सहमति के बिना कार्य हुआ है गलत है हमने खण्ड विकास अधिकारी,ब्लाक प्रमुख म्योरपुर, एवं उपजिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दे न्याय की गुहार लगाया है।
भू स्वामी कृष्ण मुरारी ने बताया कि हमारे बाप दादा ने यह तालाब करीब 150 वर्ष पहले अपने पैसे से बनाया था इस तालाब से हम मछली पालन कर के अपने परिवार का जीवीका चलाते है ग्राम प्रधान द्वारा मनमानी तरीके से इंटरलॉकिंग का कार्य करा दिया गया है जो हमे पसन्द नही कहा कि इंटरलॉकिंग होने की वजह से हम तालाब के चारो ओर फलदार वृक्ष भी अब नही लगा सकते है भू स्वामियों ने चेतावनी देते हुए कहा है ग्राम प्रधान द्वारा लगवाया ईंटा यहां से उठा कर ले जाये अन्यथा हम जेसीबी मशीन लगा अपने जीमन से ईंट को हटा देंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होगी।
बता दे कि अगर आपको अपने जमीन पर अगर अमृत सरोवर,सिचाई कूप एवं अन्य कार्य कराना है तो आपको राज्यपाल के नाम अपने उक्त आराजी नम्बर को हस्तांतरित करना होता है तब ही उक्त भूमि पर सरकारी पैसा खर्च हो सकता है जो सरकार की गाइडलाइन में है इस मामले में जब ग्राम प्रधान से सेलफोन पर बात किया गया तो उन्होंने बताया कि पहले से मौके पर छठ घाट बना था इसी वजह से मैंने वहां पर इंटरलॉकिंग का कार्य करा दिया।सचिव रामबृक्ष ने सेल फोन पर कहा कि खुली बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद ही कार्य कराए जाते है,भूमि के राज्यपाल के नाम दानपत्र के संबंध में कहा कि इसकी मुझे जानकारी नही है।