पुनर्जीवित होंगे चितपहरी के जंगल,लहलहाएंगे पौधे।

- वन विभाग ने 15 एकड़ वन भूमि अतिक्रमण से मुक्त करा खुदवा रहा है गड्ढा।
- वन प्रभाग रेणुकूट के म्योरपुर रेंज क्षेत्र स्थित पूर्वी देवहार का मामला।
म्योरपुर – सोनभद्र / आशीष गुप्ता – सोन प्रभात
वन प्रभाग रेनुकूट के म्योरपुर रेंज क्षेत्र के पूर्वी देवहार स्थित आधा किमी लंबी गुफा वाली चितपहड़ी के पूर्वी और उतर वाले हिस्से को अतिक्रमण कारियो से 15 एकड़ वन भूमि मुक्त करा कर अब वन विभाग उससे पौध रोपण के लिए गड्ढा खुदवा रहा है जिससे बरसात पूर्व उसमे पौधे लगाए जा सके। विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी मन मोहन मिश्रा, रेंजर शहजादा इमालुद्दीन वन दरोगा विजेंद्र सिंह,वन रक्षक सर्वेश कुमार यादव ने वन भूमि को मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई और एक कथित दबंग के दबावों के आगे झुकने के बजाय नियमानुसार कार्यवाही कर वन भूमि मुक्त कराया।

स्थानीय ग्रामीणों और चरवाहों की माने तो यह जंगल और पहाड़ी छमुहा नदी के जल स्रोत को बढ़ाने के साथ वन्य जीवों के सरंक्षण के लिए महत्वपूर्ण स्थान है।पहाड़ी में एक जमाने में शेर और चीता रहा करते थे। और अब भी सेही, मोर खरगोड़,विशालकाय पहाड़ चित्ती,अजगर सांपो का बसेरा है।साथ ही दुर्लभ जड़ी बूटी भी इस पहाड़ियों में मैजूद है। लेकिन उतर और पूर्बी हिस्से के समतल भू भाग के पेड़ो को नष्ट कर कुछ लोगो ने कब्जा कर लिया था।अब पौध रोपण से जंगल पुनः अपने पुराने रूप में विकसित होंगे।और वन्य जीवों को सरंक्षण भी मिलेगा। वन रक्षक सर्वेश कुमार यादव ने बताया की इस जगह पर हरा बहेरा नीम, सहित औषधीय पौधे लगाए जायेंगे।
