लंच और मंच देने वाला वैश्य समाज कब तक करता रहेगा शीर्षासन।
- व्यापारी जन भी संगठन में जगह न मिलने से आहत।
विंध्य नगर बैढ़न / सोन प्रभात- सुरेश गुप्त ग्वालियरी की कलम से..
जनपद सिंगरौली में संगठनात्मक नियुक्तियां हो चुकी है, जाने अंजाने , सक्रिय,जुगाड़ू चहरों ने अपनी अपनी जगह बना ली है!! कुछ को मजबूरी में तो कुछ सदस्यों ने अपनी निष्ठा एवम महनत से जगह बनाई है!! चूंकि भाजपा संगठन एक समंदर की तरह है, विश्व का महा संगठन!! सभी को खुश नहीं रखा जा सकता, हां जब संगठनात्मक चुनाव या यूं कहिए नियुक्तियां होती है तब आम लोगों की नजर जाती है उन कार्य कर्ताओं की ओर, जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के पार्टी का झंडा, बैनर और लंच मंच के साथ दरी तक बिछाने का कार्य किया है!! जनपद सिंगरौली की बात करे तो वैश्य समाज बहुतायत क्षेत्र में भी किसी भी राजनैतिक दल ने इस समाज को तवज्जो नहीं दी है, दो चार लोगो को ही पद देकर झुनझुना पकड़ा दिया गया है!! ऊपरी स्तर से भी देखे तो अभी कांग्रेस के ही उच्च पद पर आसीन साहू समाज के नेता को उनके ही पार्टी के लोगों ने अपमानित करने का प्रयत्न किया, बात करे भाजपा की तो अंतर्कलह स्पष्ट दिखाई दे रही है, संगठन के प्रमुख के विरुद्ध गोटियां बिछानी प्रारंभ हो गई है!! खैर बड़े लोगो को बड़ी बातें!! बड़े दलों मे छोटी मोटी बात तो होती ही रहती है!! असली मुद्दा है, इन राजनैतिक दलों से विशेषकर भाजपा जो की बनियों और व्यापारियों की पार्टी मानी जाती है ,सच है भी आज लंच और मंच देकर भी यह वैश्य व व्यापारी वर्ग शीर्षासन कर रहा है!! अनेक धार्मिक आयोजन,रक्त दान, जरूरत मंदों को वस्त्र वितरण,रक्त दान, सामाजिक कार्यों में अग्रणी ,तन मन धन से समर्पित ऐसे अनेक व्यवसाई है ,जिन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया है ..परंतु जब संगठन में जिम्मेदारी का पद का प्रश्न आता है तो लूप लाइन पर डाल दिया जाता है!! कुशवाहा समाज के एक धाकड़ नेता जिन्होंने कभी बसपा में रहकर पार्टी को ऊंचाइयां प्रदान की थी आज भाजपा का झंडा थामे हुए स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे है!! यही हाल वैश्य समाज के महत्व पूर्ण अंग साहू वैश्य समाज का है , भागी दारी के हिसाब से जिम्मेदारी न मिलने पर उपेक्षित महसूस कर रहा है!! निश्चित ही आने वाले बहु स्तरीय चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा!!