सोनभद्र स्थापना दिवस : 4 मार्च को मिर्जापुर से अलग होकर सोनभद्र बना था यूपी का दूसरा सबसे बड़ा जिला।

- सोनभद्र भारत का एकमात्र जिला जो चार राज्य मध्यप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड से सटा है।
- जाने सोनभद्र से जुड़ी अहम और जरूरी बातें। साभार : विकिपीडिया / Sonbhadra Official Govt. Site
लेख – आशीष गुप्ता / सोन प्रभात
सोनभद्र जिला, मूल मिर्जापुर जिले से 4 मार्च 1989 को अलग किया गया था। 6,788 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ यह उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला है। यह 23.52 तथा 25.32 अंश उत्तरी अक्षांश तथा 82.72 एवं 93.33 अंश पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है। जिले की सीमा पश्चिम में मध्य प्रदेश, दक्षिण में छत्तीसगढ़, पूर्व में झारखण्ड तथा बिहार एवं उत्तर में उत्तर प्रदेश का मिर्जापुर जिला है। रार्बट्सगंज जिले का प्रमुख नगर तथा जिला मुख्यालय है। जिले की जनसंख्या 14,63,519 है तथा इसका जनसंख्या घनत्व उत्तर प्रदेश में सबसे कम 198 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है।
चार राज्यों से सटा हुआ भारत का एकमात्र जिला है।
सोन नदी जिले में पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। इसकी सहायक नदी रिहन्द जो छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश के पठार से निकलती है सोन में जिले के केन्द्र में मिल जाती है। रिहन्द नदी पर बना गोविंद वल्लभ पंत सागर आंशिक रूप से जिले में तथा आंशिक रूप से मध्य प्रदेश में आता है। यहीं पर सोनभद्र से 8 किमी की दूरी पर कंडाकोट नामक, ऋषि कण्व की तपोस्थली है। में दो भौगोलिक क्षेत्र हैं जिनमें से क्षेत्रफल में हर एक लगभग 50 प्रतिशत है। पहला पठार है जो विंध्य पहाड़ियों से कैमूर पहाड़ियों तक होते हुए सोन नदी तक फैला हुआ है। यह क्षेत्र गंगा घाटी से 400 से 1,100 फिट ऊंचा है। दूसरा भाग सोन नदी के दक्षिण में सोन घाटी है जिसमें सिंगरौली तथा दुध्दी आते हैं। यह अपने प्राकृतिक संसाधनों एवं उपजाऊ भूमि के कारण विख्यात हैं।
स्वतंत्रता मिलने के कई साल बाद आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो पाई थी।
स्वतंत्रता मिलने के लगभग 10 वर्षों तक यह क्षेत्र (तब मिर्जापुर जिले का भाग) अलग-थलग था तथा यहां यातायात या संचार के कोई साधन नहीं थे। पहाड़ियों में चूना पत्थर तथा कोयला मिलने के साथ तथा क्षेत्र में पानी की बहुतायत होने के कारण यह औद्योगिक स्वर्ग बन गया। यहां पर देश की सबसे बड़ी सीमेन्ट फैक्ट्रियां, बिजली घर (थर्मल तथा हाइड्रो), एलुमिनियम एवं रासायनिक इकाइयां स्थित हैं। साथ ही कई सारी सहायक इकाइयां एवं असंगठित उत्पादन केन्द्र, विशेष रूप से स्टोन क्रशर इकाइयां, भी स्थापित हुई हैं।
उत्तर प्रदेश का दूसरा बड़ा जिला है सोनभद्र
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत के चौथे सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला है तथा यहां का ‘सलखन फॉसिल पार्क’ दुनिया का सबसे पुराना जीवाश्म पार्क है जिसे लोग पूरी दुनिया से यहां देखने व घुमने आते हैंं। भारत के सर्वप्रथम प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरु ने इस जिले को “भारत का स्विटजर लैण्ड” बनाने का सपना देखा था, तत्कालिन सिस्टम ने इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया और यह सपना ही रह गया,लेकिन भविष्य में इस सपने को साकार करने के लिए इस पर अमल किया जा सकता है। यह जिला औद्योगिक स्वर्ग है। यहां एल्युमीनियम इकाई, रासायनिक इकाई, देश कि सबसे बड़ी डाला सिमेन्ट फैक्ट्री(800 टन प्रतिदिन), अनपरा व रिहन्द विद्युत इकाई (थर्मल व हाईड्रा), स्टोन थ्रशर इकाई, आदित्य बिड़ला केमिक्लस, एन.टी.पी.सी. इत्यादि मिलकर इस जिले को भारत का पावर हब बनाते हैं,तथा इसी दृष्टि इसे ‘मिनी मुम्बई’ भी कहा जाता है। तथा इसे एक केन्द्र शासित प्रदेश भी बनाया जा सकता है।
औद्योगिक विकास में अव्वल है, यह जिला
जिले में कई बड़ी औद्योगिक फैक्ट्रियां कई सालो से हैं स्थापित देखे कुछ अहम विवरण।
1956 : चुर्क सीमेंट कारखाना, 800 टन प्रतिदिन
1961 : रिहन्द बांध, पिपरी, 300 MW विद्युत, शक्ति संयंत्रों के लिये जलभंडार
1962 : हिन्डाल्को अलुमिनियम कारखाना, रेनुकूट, 1145000 टन प्रतिवर्ष एलुमिनियम सुद्धिकरण,24200 टन प्रतिवर्ष एलुमिनियम उत्पादन
1965 : आदित्य बिड़ला केमिकल्स,रेनुकूट,एसीटैल्डिहाइड उत्पादन-10000 प्रतिवर्ष
1971 : डाला सीमेंट फैक्टरी सीमेंट कारख़ाना
प्राचीन किले जो जिले में स्थित है।
आगोरी किला – मदन शाह द्वारा शासित
विजयगढ़ किला – बनारस के राजा चैत सिंह द्वारा शासित
सोध्रिगढ़ दुर्ग- गढ़वाल राजाओं द्वारा शासित।
सोनभद्र से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों पर 2019 में बनी ये विडियो जिज्ञासुओं के लिए अच्छा संदर्भ है।
यहां देखें
सोनभद्र नमस्ते ब्रह्मपुत्राय शोणभद्राय ते नम..आग्नेय पुराण के 34वें श्लोक में ब्रह्माजी के पुत्रों में एक शोण नद का उल्लेख मिलता है।