gtag('config', 'UA-178504858-1'); पाक्सो एक्ट: 9 वर्ष पूर्व नाबालिग के साथ दुष्कर्म दोषी नरेश गौड़ को 7 वर्ष की कैद। - सोन प्रभात लाइव
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पाक्सो एक्ट: 9 वर्ष पूर्व नाबालिग के साथ दुष्कर्म दोषी नरेश गौड़ को 7 वर्ष की कैद।

सोनभद्र – सोन प्रभात / राजेश पाठक

  • 50 हजार रूपये अर्थदंड ना देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
  • साढ़े 9 वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला
    -अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी

सोनभद्र। साढ़े 9 वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी नरेश गौड़ को 7 वर्ष की कैद एवं 50 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक बभनी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाने में एक सितंबर 2013 को दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी अपने ननिहाल में रहकर पढ़ती थी। 23 अगस्त 2013 की रात्रि 10 बजे उसकी बेटी शौच के लिए निकली थी तभी बाहर छुपा बैठा हुआ बभनी थाना क्षेत्र के राजा सरई गांव निवासी नरेश गौड़ पुत्र जीत सिंह गौड़ ने बेटी को पकड़ लिया और उसे खेत में ले जाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। बेटी को बेहोशी हालत में वहीं छोड़कर भाग गया। बाद में करीब 12 बजे रात्रि में बेटी को बेहोशी हालत में एक महिला ने खेत में से लाकर घर पहुंचाया। बेटी को तत्काल म्योरपुर अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया। दो दिन तक बेटी बेहोश थी। जब होश आया तो बेटी ने वाकए की जानकारी दी। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचना के दौरान विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी नरेश गौड़ को 7 वर्ष की कैद एवं 50 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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