दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात
दुद्धी सोनभद्र बीआरसी परिसर में अखिल भारतीय अनुसूचित जाति/ जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ दुद्धी सोनभद्र के तत्वाधान में भारतरत्न संविधान के निर्माता, शोषित वंचित दलित एवं पिछड़े के अधिकारों के लिए चिंतन करने वाले अग्रदूत डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती उल्लास पूर्वक मनाई गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से पधारे प्रोफेसर आर सागर नें अपने उद्बोधन में कहा कि भारत ही नहीं अपितु विश्व में सबसे ज्यादा मान्यता शिक्षा का भगवान के रूप में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को प्राप्त हैं, अमेरिका ब्रिटेन, चीन आदि जैसे देश में डॉक्टर अंबेडकर की महान विभूति रूप में मान्यता प्राप्त थीं जिनकी सबसे ज्यादा जयंती विश्व में मनाई जाती है l जिन्होंने 32 डिग्रियां हासिल की थी, बाबा साहब अर्थात मराठी शब्द अनुसार रिस्पेक्टेड फादर गिने-चुने लोग ही रहे l अध्यापक ज्ञानचंद के यक्ष प्रश्न पीपल नेम बरगद में भूतों की रूढ़िवादी मान्यता पर तार्किक वैज्ञानिक उत्तर तुलसी, नीम, बरगद व पीपल से सर्वाधिक आक्सीजन के कारण मानव प्राणी जीव जंतुओं की रक्षा के लिए ऋषि-मुनियों पूर्वजों ने अध्यात्म पूजा पाठ से जोड़ा जिसके कारण इन पौधों का संरक्षण हुआ।
अध्यापक ज्ञान प्रसाद सहित डॉ राकेश कनौजिया, डॉ हरिओम वर्मा, डॉ अजय कुमार आदि वक्ताओं द्वारा पंचशील सिद्धांत, अष्टांग मार्ग, महात्मा बुद्ध के मार्ग का अनुसरण करने चोरी, हत्या,पाप, पराई स्त्रियों का सम्मान, झूठ नहीं बोलना आदि विषयों पर विस्तार से व्याख्यान देते हुए वक्ताओं ने शिक्षा द्वारा आत्मसम्मान अधिकार और कर्तव्यों का बोध सहित बच्चों के शैक्षिक उन्नयन पर जोर देने की बात कही l महात्मा बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति का कारण दुखों के कारणों की खोज आदि पर खुलकर वक्ताओं द्वारा चर्चा की गई l इस मौके पर बुद्धम शरणम गच्छामि के गीत पर शानदार नृत्य व महात्मा बुद्ध व डॉ भीमराव अंबेडकर के रूप धरे बच्चों ने शानदार प्रस्तुतीकरण किया ।
इस बीच मुख्य अतिथि को अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह सहित भारत का संविधान भेंट किया गया l इस मौके पर दुद्धी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामपाल जौहरी, कुलभूषण पाण्डेय, जिला उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष अमरनाथ, सहित नीरज कनौजिया, अरुन कनौजिया सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ महापुरुषों के चित्र पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया , संचालन अवधेश कुमार कनौजिया ने किया ।