gtag('config', 'UA-178504858-1'); शिक्षा विभाग की खुली पोल - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटन, 5 करोड़ की लागत से बना, 4 वर्षों से बंद पड़ा, रा.इ.कालेज गुरमुरा खंडहर में तब्दील, खोले जाने की मांग। - सोन प्रभात लाइव
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शिक्षा विभाग की खुली पोल – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटन, 5 करोड़ की लागत से बना, 4 वर्षों से बंद पड़ा, रा.इ.कालेज गुरमुरा खंडहर में तब्दील, खोले जाने की मांग।

  • -मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा से तत्काल चालू किए जाने की मांग।
  • -30 किलोमीटर के अंतर्गत एक भी सरकारी राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज नहीं।
  • -कॉलेज के संचालन ना होने से आदिवासी ग्रामीण में आक्रोश व्याप्त।

सोनभद्र – सोनप्रभात – आशीष गुप्ता

सोनभद्र-जनपद सोनभद्र के आदिवासी आंचल में लगभग 5 करोड़ के लागत से वाराणसी शक्ति नगर मुख्य मार्ग से सटे व बने राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज गुरमुरा (कोटा) का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद भी कॉलेज का शुरू न होना, कॉलेज का न खुलना, न सुरक्षा व्यवस्था, न अधिकारियों कर्मचारी की नियुक्ति, कॉलेज परिसर पुरी तरह से खंडहर के रूप में तब्दील होना, संसद, विधायक, जिलाधिकारी से अपील किए जाने के बाद भी जिला प्रशासन शिक्षा विभाग द्वारा पहल न किए जाने से ग्रामीण में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।


ग्रामीण की माने तो ग्रामीण आदिवासी अंचलों के बीच सर्व शिक्षा अभियान के तहत सपा सरकार के शासनकाल में ही विद्यालय बनकर तैयार हो गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सोनभद्र दौरे के दौरान राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज गुरमुरा का उद्घाटन किए जाने के बाद भी कॉलेज का संचालन न होना विभागीय अधिकारियों के कारनामे की पोल खोलता है। मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद भी विद्यालय का संचालन ना होना एक चिंता का विषय बन गया है। कॉलेज को शुरू करने के लिए कॉलेज का हैंड ओभर जिला विद्यालय निरीक्षक सोनभद्र को सौंप दिया गया। उसके बाद भी विभाग द्वारा शिक्षकों की कमी दिखाकर कॉलेज को नहीं खोला जा रहा है, न ही संचालित किया जा रहा है। आदिवासी आंचल के बीच लगभग 30 किलोमीटर के दायरे में एकमात्र राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज बने होने के बाद भी बंद पड़ा हुआ है।


कोटा ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान शिव प्रसाद गोड ने बताया की यह कॉलेज 4 वर्षों से बनकर बंद पड़ा हुआ है इसकी कोई देखभाल करने वाला नहीं है लोग कॉलेज परसर को नुकसान पहुंचा रहे हैं पूरा कॉलेज परिसर जंगल में तब्दील होता जा रहा है फिर भी जिले के अधिकारी, विधायक संसद सब कुछ जानते व देखते हुए भी एकदम मौन है। अगर यह विद्यालय खुल जाता है तो क्षेत्र के बड़े पैमाने पर निवास करने वाले छात्र छात्राओं को बढ़ा राहत मिलेगा।
लल्लू दुबे ने कहा कि हम लोगों द्वारा संसद विधायक जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर विद्यालय खोले जाने की मांग किया गया था किंतु 4 सालों से बनकर कॉलेज बंद पड़ा है, कॉलेज के न खुलने से आसपास के क्षेत्र के बच्चों को काफी परेशानी हो रही है। मजबूरी के कारण प्राइवेट विद्यालय में एडमिशन लेना पड रहा है।
राजेश पटेल ने कहा की यह विद्यालय राजनीति के कारण बंद पड़ा है क्योंकि सपा शासन कल में बना है या विद्यालय जानबूझकर खोला नहीं जा रहा है जिसके कारण इतना बड़ा राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज बंद पड़ा हुआ है आसपास के लगभग 30 किलोमीटर के अंतर्गत कोई भी राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज नहीं है उसके बाद भी यह विद्यालय का न खुलना व चालू होना शासन प्रशासन की कार्यशैली काफी संदिग्ध हो गई है। स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व शिक्षा मंत्री डा दिनेश चंद शर्मा से मांग किया की तत्काल विद्यालय को चालू कराया जाए जिससे आदिवासी क्षेत्र के छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर सके, सरकार द्वारा चलाए जा रहे सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को लाभ मिल सके। उक्त अवसर पर लल्लू दुबे, राम आधार गुप्ता, कैलाश गोंड, राजेंद्र खरवार, कुबेर गोंड, राजेश पटेल, रजमनिया, चमेली देवी आदि लोग उपस्थित रहे।

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