लीक से हटकर हों रहा उत्खनन जानलेवा खनन क्षेत्र बना आखिर किस के सह पर हो रहा नदियों के स्वरूप के साथ छेड़छाड़।
दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात
दुद्धी सोनभद्र। कनहर नदी के कोरगी बालू साइड से नदी की धारा को पोकलेन मशीन के द्वारा अलग-थलग कर बड़े पैमाने पर लीक से हटकर नदी से खनन किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो तमाम अधिकारियों के जांच के बाद भी लीक से हटकर खनन किए जाने का कार्य कभी बंद नहीं हो रहा है वही अधिकारी पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। अधिकारी जांच करके जाते हैं उसके बावजूद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई जो चिंता का विषय है और लोगों ने चर्चा का बाजार भी गर्म है। आखिर किसके सह पर हो रहा उत्खनन l सूत्रों की माने तो खनन मामले की जांच अधिकारी जांच करके किस अधिकारी को जांच रिपोर्ट देते हैं कि आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो सका। जिले से लेकर मंडल तक अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं।
नदी लीक से हटकर खनन कर करोड़ों रुपए का राजस्व का चूना लगा रहे है उसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं होना एक आश्चर्यजनक बात साबित होता है। नदी की धारा को बड़े-बड़े मशीनों के द्वारा इधर-उधर बदलने से जल जीव के सामने खतरा मंडराने लगा है। इतना ही नहीं जल में रहने वाले जीव का जीवन भी संकट खड़ा हो गया है लेकिन इस संकट की घड़ी से जल जीवो को उबारने वाला कोई नहीं है अधिकारी केवल आकर जांच की खानापूर्ति कर जांच रिपोर्ट न जाने किस को सौंप कर चुप्पी साध लेते हैं। संबंधित लोग बालू के खनन से सरकार का राजस्व का करोड़ों रुपए का चूना लगाकर संबंधित खनन करता करोड़ों का मालामाल हो रहे हैं और सरकार का मशीनरी बेहाल हो रहा है। सूत्रों की माने तो शनिवार को विंध्याचल मंडल के अपर आयुक्त प्रशासन की टीम ने जांच के लिए नदी में पहुंची उससे पहले ही खनन कर्ताओं ने बड़े-बड़े नदी में लगे पोकलेन मशीन को जांच टीम के निगाह से झाड़ियों में छुपा दिया। टीम वापस लौटने के बाद फिर नदी से खनन का कार्य तेजी से शुरू हो जाता है जो अपने गति से चल रहा है उसे कोई देखने वाला नहीं है और नहीं बोलने ठोकने वाला है लोग लंबा मैनेज करके आराम फरमा रहे हैं और हर महीने माल ले रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने तमाम लिखित और मौखिक शिकायत भी किया लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। लोगों ने प्रदेश सरकार को पत्र भेजकर उच्च स्तरीय जांच कर कार्यवाही किए जाने की मांग किया है ताकि जल जियो की रक्षा की जा सके।