बाल तस्करी में बकरी और बैल से कम कीमत में बेचे जा रहे बच्चे, 12 जून अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम विरोधी दिवस पर 11 बाल मजदूरों को समिति ने कराया मुक्त।

सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात

सोनभद्र जनपद अंतर्गत 12 जून अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम विरोधी दिवस के मौके पर ग्राम स्वराज समिति जिला प्रशासन की सहायता से सोनभद्र जनपद कें जून माह में 11 बाल मजदूरों को मुक्त कराया ।इसमें अधिकांश बच्चे उत्तर प्रदेश से हैं और इनकी उम्र 14 साल से लेकर 16 साल तक है संस्था इस साल जून माह को बाल श्रम के खिलाफ एक्शन माह के रूप में मना रहा ,इसके तहत पूरे महीने बच्चों को बाल श्रम और दास्तां के चंगू से मुक्त कराने के लिए छापामार कार्रवाई की जाती है और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
इस मौके पर ग्राम स्वराज समिति के महेशान्द भाई ने कहा कि आज हमारे देश में बाल श्रम उन्मूलन के लिए कई प्रभावी नीतियां और कड़े कानून हैं, लेकिन जब तक इस बारे में लोगों के बीच जागरूकता नहीं होगी और पूरा समाज इसकी जिम्मेदारी लेकर अपना काम नहीं करेगा तब तक यह एक चुनौती के रूप में बना रहेगा। हम सभी भारत को बाल श्रम मुक्त बनाने के साथ-साथ हर एक बच्चे को एक स्वस्थ खुशहाल सुरक्षित और आजाद बचपन देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं ।हम इस प्रयास में निश्चित रूप से सफल होंगे।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ )की रिपोर्ट-बाल श्रम वैश्विक अनुमान 2020 रुझान और आगे की राह के मुताबिक यह साल 2020 की शुरुआत में पूरी दुनिया में 16 करोड़ बच्चे बाल श्रम की चपेट में थे ,इसमें 6.3 करोड़ लड़कियां और और 9.7 करोड लड़के हैं ।यानी दुनिया का हर 10 में से एक बच्चा बाल मजदूरी करने पर मजबूर है।
बाल श्रम को लेकर भारत में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है ।साल 2011 की जनगणना के मुताबिक पूरे देश मे 5 से 14 साल के बीच के मजदूरों की संख्या 1.10 करोड़ है यह देश में बच्चों की कुल संख्या का 3.9 फ़ीसदी हिस्सा है।
यह अपने आप में बहुत ही चिंताजनक पक्ष है बच्चों के लिए हर दिशा में काम करने की आवश्यकता है, बाल तस्करी से बकरी और बैल से कम कीमत में बच्चों को बेचा खरीदा जा रहा है। जो चिंतनीय विषय है ।
