gtag('config', 'UA-178504858-1'); हाहाकार - शहरी एवं ग्रामीण जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए नहीं मिल पा रहा स्थानीय नदीयों का बालू सस्ता। - सोन प्रभात लाइव
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हाहाकार – शहरी एवं ग्रामीण जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए नहीं मिल पा रहा स्थानीय नदीयों का बालू सस्ता।

  • गिट्टी, बालू व पत्थर कें सरकार के सपनों के उड़ रही खुलेयाम धज्जियां।

दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी (ब्यूरो चीफ)/सोन प्रभात

दुद्धी सोनभद्र तहसील अंतर्गत स्थानीय लोगों को अपने ही क्षेत्रीय नदियों कनहर, ठेमा, लौआ, पांगन, मलिया आदि नदियों में अच्छादित बालू सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं प्रधानमंत्री ग्रामीण शहरी आवास, शौचालय, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत आदि द्वारा निर्माणाधीन जनकल्याणकारी नाली सड़क आदि कें निर्माण से लेकर निजी आवास कें लिए भी बालू मानो सोना हो गया हैं, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कहा गया था कि सरकार बनने के बाद सस्ता बालू , गिट्टी, मोरंग और पत्थर होगा।

यहां तो उल्टा सरकार की छवि धूमिल करने पर आमादा राजस्व विभाग, वन विभाग, खान विभाग आदि लोगों के सिंडिकेट के कारण हजारों ट्रक बालू देश प्रदेश के कोने-कोने में भेजी जा रही है परंतु स्थानीय ग्राम वासियों एवं नगर वासियों के लिए बालू सपने जैसा हों गया हैं। साइकिल से बालू उठाने वालों पर कार्यवाही हों रहीं, आम आदमी के लिए बालू मयस्सर नहीं है। परन्तु बड़े-बड़े हाईवा ट्रिपर से नदियों को बालू उठान कर जहां नाले में तब्दील कर दिया गया । वहीं दुद्धी तहसील मुख्यालय से लेकर जनपद के कोने-कोने में सस्ती बालू कें लिए जनमानस में हाहाकार मचा हुआ है, ग्राम वासियों नगर वासियों की मानें तो मुख्यमंत्री महोदय तक यह बात जनप्रतिनिधियों द्वारा संजीदगी से नहीं रखीं जा रही। जिसके कारण बालू के कारोबार में माफियागिरी हावी हो गया हैं। सरकार द्वारा अगर इसे समय रहते सुधार नहीं किया गया तो इसका खामियाजा भी सरकार को चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। पहले 800 से 1000 रुपए में एक ट्रैक्टर बालू आसानी से मिल जाया करता था। अब तो शासन प्रशासन को महँगा मैनेज व ₹2 लाख तक के भारी भरकम जुर्माना के कारण ट्रैक्टर चालकों ने नदियों से बालू उठाना ही बंद कर दिया। कनहर बांध बंध जाने के कारण अब बालू की आवक कनहर नदी में पूर्ण रूप से बंद हो जाएगी। ठेमा, लौआ, मलिया नदी पहले से हीं सरकार की उपेक्षा कें कारण नाले में तब्दील हो गया है। अति शीघ्र कोई ठोस निर्णय सरकार द्वारा जनहित में नहीं लिया गया तो सरकार को परिणाम भुगतना पड़ेगा।

दुद्धी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामपाल जौहरी एडवोकेट , सिविल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रभु सिंह कुशवाहा एडवोकेट, श्री रामलीला कमेटी अध्यक्ष जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट व पूर्व दुद्धी बार एसोसिएशन अध्यक्ष, जय बजरंग अखाड़ा समिति अध्यक्ष कन्हैयालाल अग्रहरी, अखिल भारतवर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा जिला महासचिव राजेंद्र सिंह चन्द्रवंशी, जिला उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष दुद्धी अमरनाथ, चिकित्सक संघ अध्यक्ष डॉ लवकुश प्रजापति, कमल कुमार कानू, दुद्धी बार एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण पांडेय एडवोकेट,सहित हजारों लोगों ने अविलंब समाधान शासन स्तर से किए जाने की मांग किया है।

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