सोनभद्र : प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्रों में उपचार के नाम पर धर्म परिवर्तन जोरों पर।

- हिंदू धर्म संप्रदाय के आदिवासीय लोगो को बनाया जा रहा धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम व इसाई।
सोनभद्र – सोन प्रभात / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात
सोनभद्र/दक्षिणांचल में फ्लोराइड, मरकरी ,आर्सेनिक और लेड आदि औद्योगिक प्रदूषण की बीमारी हड्डियों में अकड़न और रिश्तों में कड़वाहट के साथ अब लोग धर्म परिवर्तन भी करने लगे है।म्योरपुर कस्बे से अनपरा में ब्याही एक बीमार महिला को तमाम इलाज के बाद भी आराम नही मिला तो उसने इसाई धर्म अपना लिया जबकि रास पहरी के एक युवक पेट की बीमारी से तंग आकर मुस्लिम धर्म अपनाने के साथ उसने मुस्लिम लड़की से शादी कर बभनी थाना के चपकी में रहना शुरू कर दिया।म्योरपुर थाना के कुसमहा, खैराही ,आश्रम मोड़ में दो दर्जन लोगो ने इसाई धर्म इस लिए अपना लिया कि इनके कमर ,घुटने में दर्द रहता था और अकड़न के साथ चलने फिरने में परेशानी होती थी।तमाम जगहों पर इलाज कराया पर आराम नही मिला।इस बीच धर्म परिवर्तन कराने वालों ने पीड़ितो को आश्वासन दिया कि आप मेरा धर्म स्वीकार कर लो और कुछ दवाएं खाओ तो आप पूर्ण रूप से ठीक हो जाएंगे।धर्म परिवर्तन करने वालो का दावा है कि उन्हे अब पहले से ज्यादा सुकून है।और जब बीमार पड़ते भी है तो कहते है प्रार्थना में कही चूक हुआ होगा।एनजीटी के 2015 में जार्ज मेडिकल कालेज के वरिष्ठ चिकत्सक डा हिमाशु कुमार ने कहा कि प्रदूषण प्रभावित लोगो के इलाज और जांच की सुविधा क्षेत्र में नही है ना ही चिकित्सक ही बीमारियो की पहचान रखते है। ऐसे में चिकित्सको और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित कराया जाए और जांच के लिए टाक्सीलाजिकल लैब की स्थापना कराया जाए।एनजीटी ने 2018 में आदेश भी दिया लेकिन पहल नहीं हो सकी।अन्यथा इतने ज्यादा संख्या में लोग धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर न हुए होते। वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यनारायण यादव का कहना है कि धर्म कोई भी स्वेच्छा से बदल सकता है।लेकिन लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना गलत है।

इन गावो में फैला है धर्म परिवर्तन कराने वालों का जाल
गोविंदपुर/ लडकियो की शिक्षा पर काम करने वाली एक मुस्लिम महिला ने बताया कि ब्लॉक क्षेत्र के जाम पानी,गंभीरपुर,खैराही, बांसी,अनपरा कोहरौलिया, चिल्का दाड, आदि गावो में धर्म परिवर्तन कराने वाले रविवार को प्रार्थना सभा आयोजित करते है प्रार्थना में बीमार लोगो का माइंड वास कर उन्हे धर्म परिवर्तन के लाभ के बारे में बताते है और दर्द निवारक दवाएं और तेल वितरित कर उन्हे बीमारी से मुक्ति का दावा किया जाता है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों शासन-प्रशासन भी साजिश के तहत प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन पर नहीं लगा पा रहे पूर्ण लगाम l अत्याधुनिक चिकित्सा, शिक्षा व जन जागरूकता का अभाव धर्म परिवर्तन का प्रमुख कारण बन रहा है।