सोनभद्र : वनकर्मियों के समूह द्वारा आदिवासी को मारने के मामले में राज्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद एफ आई आर दर्ज।

- वन रेंजर, वन दरोगा समेत चार नामजद और दस अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज।
- वन कर्मियों द्वारा समूह में आदिवासी से पैसे मांगने, जातिसूचक अपशब्द और महिला को मारने पीटने का बड़ा मामला।
सोनभद्र/सोनप्रभात/ वेदव्यास सिंह मौर्य/ आशीष गुप्ता
सोनभद्र जिले के मांची थाना क्षेत्र से बड़ा मामला प्रकाश में आया है।केवटम गांव में 28 अगस्त को सुबह आठ बजे अपने घर के सामने भैंस दूह रहे तेजन खरवार निवासी केवटम को रामगढ़ रेंजर सत्येन्द्र कुमार सिंह, फारेस्टर राजेंद्र शर्मा सहित दर्जनों लोग द्वारा पहुंच कर पहले तो भद्दी भद्दी गालियां देते हुए बीस हजार रुपए की मांग किया गया और तेजन खरवार के इंकार करने पर लाठी डंडे से पिटाई करने लगे।बचाने के लिए उसकी बहू आई तो उसकी भी पिटाई कर दी गई।दो पुत्र बधू आई उनकी भी पिटाई कर साड़ी ब्लाउज फाड़ दी गई।

घटना बढ़ते देख ग्रामीण पहुंचने लगे तो वनकर्मी हुए फरार, उल्टा गांव वालो को किया गया गिरफ्तार।
इसके बाद गांव के लोगों को एकत्रित होते देख वन कर्मी भागकर पास में बने फारेस्ट चौकी चले गए। आक्रोशित ग्रामीणों को वहां मार खानी पड़ी।वन कर्मी फायर करने लगे तथा फोन करके पनौरा चौकी, मांची थाना, सहित कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची। लेकिन मांची पुलिस ने एकतरफा वन विभाग की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पांच लोगों को जेल भेज दिया। पीड़ित पक्ष का प्रार्थना पत्र भी लेने से इंकार कर दिया। खबर लगते ही सदर विधायक भुपेश चौबे, नगवां ब्लाक प्रमुख आलोक कुमार सिंह बुधवार को पहुंच कर स्थिति के बारे में जानकारी हासिल किया।और न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।
समाज कल्याण राज्य मंत्री ने लिया संज्ञान, मामले में आया मोड़, एफ आई आर हुई दर्ज।
गुरुवार को समाज कल्याण राज्य मंत्री श्री संजीव कुमार गौड़, पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार, इंजिनियर रमेश पटेल अनुसूचित जाति जनजाति के पूर्व सदस्य रामसेवक खरवार सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग पहुंच कर एक एक ग्रामीणों से घटना के बावत जानकारी हासिल कर क्षेत्राधिकारी राहुल मिश्रा, थाना प्रभारी विनोद सोनकर को फटकारते हुए मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का निर्देश दिए।देर रात विभिन्न संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। जिसमें वन क्षेत्राधिकारी सहित चार नामजद एवं दस अज्ञात लोग शामिल हैं। देखना यह है कि मंत्री जी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज तो कर लिया गया है आदिवासी लोगों को किस हद तक न्याय मिल पाती है।