दुर्दशा: लाखों की लागत से बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खंडहर में तब्दील।

- पंचायत भवन में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर इमरजेंसी सेवा का टोटा।
बीजपुर/ सोनभद्र – विनोद गुप्त / सोन प्रभात
सोनभद्र। बीजपुर, स्थानीय पुनर्वास प्रथम स्थिति पांच शैयायुक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी सेवा का टोटा है, जानकारी के अनुसार 32 साल पुराने पाँच शैयायुक्त यह सरकारी स्वास्थ्य केंद्र अभी भी एनटीपीसी रिहंद सीएसआर से ग्रामीणों के लिए बनाए गए पंचायत भवन में संचालित हो रहा है।

ग्रामीण बताते हैं कि मरीजों के लिए मूलभूत सुविधाओं के नाम पर यहाँ टूटे फूटे महज दो तीन बेड कुछ कुर्सियां तथा बेंच बचे है, बाकी काम की सामग्री और फर्नीचर कर्मियों के घर का शोभा बढ़ा रहे हैं।

चर्चा है कि पहले की अपेक्षा ओपीडी में मरीजों का नाम मात्र रजिस्ट्रेशन यह साबित करता है कि मरीजों का यहाँ से मोहभंग हो गया है तैनात डॉक्टर, एएनएम, वार्डब्याय सहित अन्य कर्मियों के लिए केवल टाइम पास का केंद्र बन कर रह गया है। ग्रामीणों के बेहतर इलाज के लिए खोले गए इस चिकित्सालय पर सरकार लाखों रुपये महीने खर्च कर रही है लेकिन इसका लाभ केवल तैनात कर्मचारी ही उठा रहे हैं।

गौरतलब हो कि इसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को स्थापित करने के लिए लगभग एक दशक पूर्व ग्राम पंचायत डोडहर में लाखों रुपये की लागत से सरकार ने बिल्डिंग और संसाधन बनाकर दिया था। जिसका तत्कालीन विधायक दुद्धी सीएम प्रसाद ने 2 जून 2010 को तत्कालीन मुख्यचिकित्साधिकारी की मौजूदगी में विधिवत उद्घटान भी किया था लेकिन यह भवन लंबे समय से एक ही जगह कुंडली मार के बैठे स्वास्थ्य कर्मियों को रास नही आया और वर्षो तक बिल्डिंग बन्द रहने के कारण उसका खिड़की , दरवाजा, पंखा, ,नल, पाइप,टाइल्स,पानी टँकी, बोरिंग तक कबाड़ चोर उखाड़ ले गए। इस नव निर्मित बिल्डिंग के नाम पर केवल अब खंडहर बचा है जो जुआड़ियों और छुट्टा पशुओं का अड्डा बना हुआ है।

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जब तक पुराने वर्षों से एक ही जगह जमे स्वास्थ्य कर्मियों का यहाँ से स्थानांतरण नही होगा तब तक इस स्वास्थ्य केंद्र की हालत नही सुधरेगी।इसबाबत सीएमओ अश्वनी कुमार ने कहा कि कागज में जिक्र नही है पुराना मामला है नई बिल्डिंग में अस्पताल क्यों नही गया इसकी जाँच कराई जाएगी और स्वास्थ्य केंद्र पर इमरजेंसी सेवा के लिए कर्मी भी तैनात किए जाएंगे।
