लापरवाही :- कोटेदारों की मनमानी से कार्डधारक परेशान।
- 6 कोटे की दुकानों में 5 दुकानों पर पड़ताल में लटकता मिला ताला ।
- पूर्ति निरीक्षक की लापरवाही से फल-फूल रहा भ्रष्टाचार।
- कल तक मशीन ना चलने की दे रहे थे हवाला।
जितेंद्र चन्द्रवंशी/आशीष गुप्ता(सोनप्रभात)
सोनभद्र,दुद्धी।वैश्विक महामारी कोरोना के बीच मई माह में राशन वितरण के तीसरे दिन आदर्श नगरपंचायत स्थित सभी छः कोटे की दुकान में से 5 दुकान पर दोपहर डेढ़ बजे से सवा दो बजे के बीच ताला लटकता मिला।लिहाजा उनका पक्ष नहीं लिया जा सका और ना ही दुकान पर हाथ धोने का हैंडवाश या सेनेटाइजर की उपलब्धता की जांच नहीं हो सकी।वहीं बंद पड़े दुकान पर एक भी कार्डधारक नहीं दिखे।
सर्वप्रथम मोटर मंडी स्थित विनय कुमार का दुकान 1 :34बजे दोपहर ताला लटकता मिला,वहां तैनात कर्मियों ने बताया कि दुकानदार 3 बजे आएंगे।
इसी क्रम में रामनगर स्थित पीयूष अंजाना के नाम संचालित 1:39 पर दुकान बन्द मिला।घर से निकले रामवृक्ष अन्जाना ने बताया कि मशीन नहीं चल रहा है,अब दुकान कल खुलेगी। साथ ही कहा कि सुबह से कुल 71 कार्डधारकों को राशन दिया वहीं कल 89 लोगो को राशन दिया था।उन्होंने बताया कि उनके दुकान में कुल 306 पीएचएच कार्डधारक है।
इसके बाद डीसीडीएफ कालोनी में क्रय विक्रय समिति द्वारा संचालित दुकान पर 1:42 बजे दोपहर पड़ताल की गई तो दुकान पर दर्जनों कार्डधारक पेड़ की छाव में सोशल डिस्टेन्स के साथ बैठे थे जो अपनी बारी का इन्तेजार कर रहें थे।दुकान पर हैंडवाश और पानी की समुचित व्यवस्था थी। जो आदर्श नगर पंचायत का आदर्श दुकान दिखा।
- दुकान के संचालक दशरथ प्रसाद ने बताया कि उनके यहां 409 कार्डधारक है आज 145 लोगों का राशन पौने दो बजे तक बांट चुके थे।
इसी क्रम में पुरानी महाबीर मंदिर के समीप स्थित गोपाल रिटेलर की दुकान 1:48 पर बंद मिली।इसके बाद 1:52 बजे दोपहर पता कंपनी के समीप स्थित अजित कुमार के दुकान पर भी ताला लटकता मिला।वहीं रेलवे स्टेशन रोड स्थित बलराम कोटेदार के दुकान में भी दोपहर 2:13 मिनट पर ताला लटकता मिला।
प्रबुद्धजनों की माने तो नगर पंचायत स्थित कोटे की दुकानों का मनमाना खोलना बन्द करना इनके आदत में शुमार है। जो कल तक मशीन ना चलने का डंका पिट रहे थे वे आज दुकानों पर ताला बंद कर गायब थे। कोटे की दुकान के खुलने बन्द करने और लंच का समय क्या है।
इस बावत जब सप्लाई इंस्पेक्टर को फोन लगाया गया तो उनका फोन नहीं उठा।लिहाजा उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।