खनन मानकों पर विभाग की पैनी नजर,फिर भी मानक के विपरीत कार्य क्यों?

डाला – सोनभद्र / अनिल कुमार अग्रहरि/ सोन प्रभात
डाला/सोनभद्र -बिल्ली मारकुंडी के बाड़ी खनन क्षेत्र में खनन मानकों पर विभाग की पैनी नजर तेज होने के बाद भी कार्य मानक के विपरीत क्षेत्र में चर्चाओ का विषय बना हुआ है।आए दिन चौक चौराहों,तथा सोशल मीडिया पर खनन मानकों को लेकर लोग दुहाई लगाते रहते हैं।आपको बताते चलें कि स्थानीय क्षेत्र के बाड़ी में स्थित पत्थर खदानों का हाल किसी से छिपा नहीं है।वही बाड़ी स्थित संतोष अग्रहरि की खदान में दिन दहाड़े बड़ी मशीनों का प्रयोग मजदूरों के पेट व परिवार को खोखला करते जा रहा है।देखा जाय तो पत्थर खदानों की गहराई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है पहाड़ की जितनी ऊंचाई नहीं उससे कहीं ज्यादा उसकी गहराई हो चुकी है ।

खनन मानकों की मानें तो खनन श्रमिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्रमिकों को विभिन्न सुरक्षा उपकरणों को उपलब्ध करवाना है लेकिन सुरक्षा उपकरणों का कभी पालन नही किया जाता।कही ना कही कुछ प्रभाव के कारण हर कमियों की गूंज पहाड़ों की गहराई में ही सिमट सी जाती हैं।खनन क्षेत्र में जब बड़े अधिकारीयों की टीम जांच में आती है तो पुरे खनन क्षेत्र में सन्नाटा पसर जाता हैं।फिर क्या सही और क्या ग़लत बड़े बड़े पोकलेन आदि मशीनों का खदानों में दहाड़ना खामोश हो जाता हैं जो की सभी को अचरज में डालता है।

इस सम्बंध में सवालिया निशान तब खड़े होते है जब खनन क्षेत्र के जिम्मेदार को फोन लगाइए और जैसे ही कानों तक आवाज जाती है खनन सम्बन्धित जानकारी की तो जवाब आता है।मैं मीटिंग में हूं और फोन काट दिया जाता है।