संपादकीय लेख : बुड़बक हो क्या???

सिंगरौली / सुरेश गुप्त ग्वालियरी – सह संपादक / सोन प्रभात
राम राज्य की स्थापना हेतु सभी राजनैतिक दल चुनावी मैदान में उतर चुके है, बड़े बड़े वादे आसमान में गूंज रहे है, विधान सभा संख्या 80 अर्थात सिंगरौली भी बड़े बड़े अखाड़े वाजों का रण क्षेत्र रहा है, परंतु डेंगू, मलेरिया और सांस की बीमारियां यहां पर ताल ठोक कर खड़ी है,।जैसे कह रही हो पहले मुझसे तो निपटो..क्या कहा? सबको स्वच्छ व शुद्ध जल, सुंदर स्वास्थ्य सेवा, गुणवत्ता पूर्ण वायु, सुविधाजनक यातायात ,सुंदर और चमकती सड़के देगें . अरे हुजूर ; नालियां बजबजा रही है, मच्छर गीत गा रहे है, आवारा पशु सड़क पर कब्जा करके बैठे है, अस्पताल खुद कॉमा में है, एक एक पलंग पर चार लेटे है, पर्याय वरण ऐसा की बम गाजा पट्टी में नहीं हमारे जिले में फोड़े जा रहे हो, कल चार की टांग टूटी दो अधमरे, एक चल बसा अर्थात दुर्गति, अधोगति,और वीर गति से भरे समाचार दैनिक अखबारों में.. आखिर इन सब से निजात कब??

कही सबका विकास के नारे में मच्छर, डेंगू, मलेरिया का वादा भी तो निहित नही है, तभी तो यह मच्छर गाने गुनगुना रहे है, हम आपको वोट क्यों दें?? एक आदमी ने सवाल किया ..बुड़बक हो क्या?? तब किसको वोट दोगे?? किसी नए को आदरणीय.. कितने सीधे है आप लोग सचमुच कृपा निधान.. अरे भाई नया क्या कर लेगा???? मैं तो तीन बार से आपका प्रतिनिधि रहा हूं , पहली बार में अपना, दूसरी बार में रिश्तेदारों का और तीसरे बार में मित्रो का पेट भर चुका हूं, अथाह संपत्ति का मालिक हूं ,वो बस इस बार आपके कल्याण हेतु चुनाव लड़ रहा हू क्यों की अब आपकी ही बारी है, धन्य है मान्यवर आप सचमुच मैं तो बुड़बक हूं ..आम आदमी ने कहा.. वोट आपको ही.. हां हो सके तो मच्छर मारने की दवा ही छिड़कवा दीजिए, हां हां अवश्य…अभी आचार संहिता लागू हो गई है ,चुनाव जीतते ही अवश्य..