सोनभद्र / अनिल अग्रहरि/ सोन प्रभात
कोन/सोनभद्र। कोन थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्र के डोमा गांव किबतर्फ से वन विभाग की लापरवाही के चलते माफियों के दिन भर रहे है। अवैध पत्थर खनन कर जंगलों में पत्थर निकाल अवैध खनन रात के अंधेरे व दिन दहाड़े धड़ल्ले से किया जा रहा है। जिस ओर न तो वन विभाग कोई ध्यान दे रहा है और न ही प्रशासन कोई कार्रवाई कर रहा है। जिसके चलते प्रतिदिन बड़ी मात्रा पत्थर- का खनन माफियाओं द्वारा किया जा रहा है। जिससे न केवल वन क्षेत्र को नष्ट किया जा रहा है। बल्कि लाखों रुपए की राजस्व हानि भी पहुंचाई जा रही है। इस ओर जल्द ही वन अधिकारियों सहित प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो बड़े पैमाने पर राजस्व क्षति सहित वन क्षेत्र खोखला हो जाएगा।
कोन वन रेंज के जंगलों में क्षेत्र के खनन माफियाओं द्वारा रात के अंधेरे व दिनदहाड़े ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित अन्य लोडिंग वाहनों से बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है। इसकी भनक वन विभाग को होने के बाद भी वह मौन साधे हुए हैं। जबकि इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वन क्षेत्र में ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित अन्य लोडिंग वाहनों से प्रतिबंधित क्षेत्र में नए-नए रास्ते बना दिए हैं। इसके अलावा रात के अंधेरे में बड़ी मात्रा में चल रहे वाहनों से रास्तों कई वाहनों के पहियों के निशाने देखने को मिल रहे हैं।
वन अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा उत्खनन
माफियाओं द्वारा इस क्षेत्र में धड़ल्ले से पत्थर का अवैध उत्खनन वन विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में किया जा रहा है। नाम न छापने की शर्त पर एक माफिया ने बताया है कि वन विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक खदान से प्रतिदिन के हिसाब से पैसे दिए जाते हैं। जिसके चलते वे ही हमें रात में उत्खनन करने की सलाह देते हैं। साथ ही यह भी बताते हैं कि खनन ले जाने के बाद रास्तों से वाहनों के पहियों के निशानों को आप हटा दिए करें। जिससे टीम के साथ निरीक्षण में खनन का ज्यादा पता नहीं चल सके।