धीमी, मध्यम और तेज चक्रों के साथ लय वद्ध ,चक्रीय श्वास का एक उन्नत रूप है सुदर्शन ध्यान।- प्रीतम माहिच
विंध्य नगर/ सिंगरौली – सुरेश गुप्त ग्वालियरी/ सोन प्रभात
विश्व विख्यात आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर जी द्वारा लगभग भारत सहित 180 देशों में हिंसा युक्त समाज के लिए विश्व व्यापी आंदोलन का नेतृत्व किया जा रहा है आपकी संस्था आर्ट ऑफ लिविंग का उद्देश्य ही है तन ,मन का शुद्धिकरण!! अनेक बीमारियों का नियंत्रित श्वास क्रिया से उपचार करना और तन और मन को सुंदर और मजबूत बनाना।
इसी आध्यात्मिक क्रिया को जन जन तक पहुंचाने के लिए आज BHU वाराणसी से आइटियन आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक प्रीतम माहिच द्वारा विंध्य नगर स्थित नवजीवन विहार के सामुदायिक भवन में एक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया, जिसमे तनाव रहित समाज के लिए स्वस्थ मन और शांति चित्त के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से संयमित जीवन के लिए योग एवं ध्यान के उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की!! मनुष्य ध्यान और योग द्वारा आध्यात्मिक शक्ति को प्राप्त कर एक स्वस्थ व हिंसा मुक्त समाज का निर्माण कर सकता है, उपस्थित सैकड़ो पुरुष एवं महिलाओं को आपने सुदर्शन क्रिया के माध्यम से श्वास क्रिया को नियंत्रित करने का प्रयोग करके दिखाया, करीब दो घंटे के आयोजन में उपस्थित जनों ने इस क्रिया का लाभ उठाया।
इस अवसर पर इस कार्यक्रम के आयोजक सत्यनारायण बंसल, प्रेम सिंह रघुवंशी, शशिधर गर्ग, विपिन सिंह, अनुराग गुप्ता, एस के पांडेय, राजीव तायल, प्रदीप शुक्ला, संतोष सिंह, अजीत तिवारी, आर डी सिंह, श्री मती निशा बंसल, आशा अग्रवाल, भगवान सिंह, रामजी शर्मा, संजय श्री वास्तव, सुशांत यादव सहित अन्य लोग शामिल रहे!!
इस अवसर पर ममता अग्रवाल ने आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से अपने स्वस्थ जीवन में इसके औचित्य पर अपने निजी अनुभव साझा किए, आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोगी सदस्य के रूप में शामिल आदर्श अग्रवाल, नेहा पारीख एवं अभिषेक जायसवाल ने भी लोगों को मार्ग दर्शित किया!!