ओबरा तापीय परियोजना के विस्तारित क्षेत्र की जद में आए 500 परिवारों पर मडरा रहा विस्थापन का संकट।
- शासन स्तर से कोई व्यवस्था न होने पर आर्थिक संकट के साथ-साथ निवास का भी हो रही समस्या।
दुद्धी / सोनभद्र : जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरो चीफ सोन प्रभात
सोनभद्र-जनपद के ओबरा स्थानीय तापीय परियोजना के विस्तार की जद में आए निवास करने वाली गरीब जनता को भी विस्थापित किया गया। लेकिन इनको रहने की शासन स्तर से कोई व्यवस्था न होने से बड़ी आर्थिक संकट के साथ निवास की समस्या हो रही है। जिसको लेकर आज मौके पर शासन स्तर से बात करने के लिए वार्ता रखी गई थी। वार्ता के दौरान यह बात लोगो के द्वारा कही गई कि जब तक हमको सीलिंग या पट्टे की जमीन का हस्तांतरण नहीं हो जाता तब तक हमारी आवास को जैसे है वैसे छोड़ दिया जाए। 15 अगस्त तक जांच कर पट्टा करने की बात कही गई। अगर विलंब होता है तो एक महीने का और समय परियोजना द्वारा दिया जाएगा।
विस्तारित क्षेत्र की जद में आने वाले 500 विस्थापित परिवार है। आजीविका की बात पर वार्ता के दौरान आश्वासन मिला कि जैसे ही इनको पट्टा दिया जाएगा। उस दौरान जितनी भी सरकारी योजनाएं हैं जिससे यह लोग वंचित हैं वृद्धा पेंशन से लेकर राशन कार्ड जैसी सरकारी योजनाओं गवर्नमेंट द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी इनको रोजगार के लिए भी विशेष ध्यान दिया जाएगा परियोजना में नौकरी दिया जाए।वही एडीएम सहदेव मिश्रा ने कहा कि ओबरा तापीय परियोजना का जो डी प्लांट लगना है। उसके विस्तारीकरण का काम होना है और जिन कास्तकारों का जमीन विस्तारीकरण में लिया गया है। उनको पुनर्वास के लिए वार्ता के दौरान समस्या सुनी गई और इस बात का निर्णय लिया गया कि विस्थापितों को पुनर्वास व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। परियोजना की जमीन पर 40 से 50 वर्षों तक निवास करने वाले परिवारों का कहना है कि उनको अन्य जगह रहने के लिए निवास स्थान दिया जाए। जिनके पास कोई भी रहने का साधन नहीं है। उनको पट्टा दिलाने का काम किया जाएगा और अन्य योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा और इन सब बातों पर सभी लोग सहमत हो गए हैं।