दुर्भाग्य – सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी में वर्षों से खुले सेफ्टी टैंक में गाय गिरी।
- लाखों करोड़ों कायाकल्प के नाम पर खर्च होने के बावजूद अस्पताल परिसर की दुर्दशा।
- सी एम ओ व नीति आयोग की टीम को कभी नहीं दिखाखुला सेफ्टीटैंक।
- लोगों की मदद से गाय का सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया गया।
दुद्धी / सोनभद्र : जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरो चीफ सोनभद्र ,
दुद्धी सोनभद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर अंतर्गत कई वर्षों से खुले में बने दर्जनों फीट गहरे सेफ्टी टैंक में बेजुबान गाय रविवार को गिर गई । जबकि अस्पताल का मुआयना करने कई बार उच्च अधिकारी आते हैं और सरसरी तौर पर महत्व औपचारिकता पूर्ण कर चले जाते हैं जबकि अस्पताल परिसर का उक्त सेफ्टी टैंक को ठीक कराने की मिडिया द्वारा ध्यान आकर्षण के बावजूद कई वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी अभी तक उक्त सेफ्टी टैंक ढका नहीं जा सका और जर्जर हाल में है ।
एक तरफ प्रदेश में नगर शहर संचारी रोगों की रोकथाम व जल जमाव से मलेरिया के लारवा उत्पन्न होने संबंधी पत्रक बांटे जाते हैं । परंतु अस्पताल परिसर में ही खुलेआम कितने लार्वा मलेरिया के उक्त सेफ्टी टैंक में उत्पन्न होंकर अस्पताल में भर्ती मरीजों को बीमार कर रहे होंगे । यहीं नहीं ब्लड बैंक के पीछे लाखों रूपए का बना दर्जनों सामुदायिक शौचालय में गंदगी देख बेहोश व्यक्ति हों जाए। 21वीं सदी का बदले भारत का क्या यही तस्वीर है । अस्पताल में चिकित्सकों के निजी शौचालय से लेकर अगर सभी शौचालय सहित अस्पताल परिसर का मौका मुआयना बारीक से किया जाए तो नतीजा चौंकाने वाला होगा । परंतु किसी को क्या फर्क पड़ता है जब आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के मरीजों की चिंता चिकित्सकों को कम सूत्रों की माने तो बाहरी जांच, बाहरी दवा व निजी प्रेक्टिस से गरीबों का जमकर आर्थिक शोषण पृथ्वी का भगवान का दर्जा प्राप्त चिकित्सकों द्वारा खुलेआम किया जा रहा। लंबे अरसे से पड़े एक ही स्थान पर चिकित्सक सिंडिकेट उपचार के नाम पर चला रहे। अस्पताल का मौका मुआयना के उपरांत वन्य जीव बोर्ड सदस्य एवं विधायक प्रत्याशी विधान सभा रहे श्रवण सिंह गौड ने जांच में कई खामियां पाई थीं। और सुधार का निर्देश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक को दिया था । परंतु स्थिति में बदलाव नहीं हों पा रहा। जिलाधिकारी सोनभद्र व मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोनभद्र संज्ञान लेकर अस्पताल का ठीक-ठाक से रखरखाव के लिए योग्य जवाब देह अधीक्षक की नवीन तैनाती जनहित में की जाए। जिससे सरकार की मंशा के अनुसार मरीज का उपचार किया जा सके। गाय का रेस्क्यू नगर पंचायत द्वारा किया गया और अध्यक्ष मौके पर मौजूद थे।