- बंदरों ने ग्रामीणों को भीगने पर किया विवश।
- खपरैले घरों की शामत,चलनी की तरह टपक रहे घर
रिपोर्ट/बाबू लाल शर्मा (म्योरपुर/सोनभद्र)
म्योरपुर रेंज क्षेत्र के खैराही,किरवानी गांव में बंदरों के झुंड का आतंक इस कदर बढ़ा है कि लोग घर होते हुए भी बेघर वाली स्थिति में जीने को विवश है,लोगो के घर चलनी की तरह टपक रहे है,जिस कारण लोग न तो स्वयं को न ही गृहस्थी के समान को भीगने से बचा पा रहे है,बंदरों के झुंड को भगाने की सभी कोशिशें नाकामयाब साबित हो रही है,वही लगातार हो रही वर्षा समस्या को अधिक जटिल बना रही है।
उक्त गांव में बंदरों की टोली गर्मी के शुरुआती समय से गांव में जमी हुई है,गर्मी में जंगलों में पानी न होने से गांव में डेरा डाले बंदर अब गांव से भगाने पर भी नहीं जा रहे,भगाए जाने पर बानर घरों पर चढ़ खपरैल चूर चूर कर रहे है,जिस कारण बरसात का पानी घरों में गिर रहा है,मिट्टी की दीवार गिर रही है,ग्रामीण रामदास, बुधई ,शिव मंगल,परमेश्वर ने बताया कि जून में घर की मरम्मत में पच्चीस हजार से अधिक खर्च हुआ था, खपड़ा काफी मंहगा हो चुका है,मजदूरी बढ़ गई है जिस कारण कच्चे घरों की मरम्मत काफी खर्चीला हो चुका,पक्का मकान बनाने के लिए पैसे नहीं हैं,बंदरों के घरों पर दौड़ने से खपड़े टूट जा रहे है,ऐसे में घरों व गृहस्थी के समान बचाना चुनौती बन चुका है,गांव में जमे बंदर फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे है,ऐसे में हमारी आर्थिक स्थिति दैनीय होती जा रही,ग्रामीणों ने कहा कि वन विभाग के लोगो से शिकायत करने पर पटाखे दागने,गुलेल से भगाने जैसे उपाय करने की सलाह दी जाती है जिसका उन पर कोई प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा,ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित कराते हुए समस्या से निजात दिलाने,घरों की मरम्मत के लिए अनुदान देने की मांग की है।