सोनभद्र : सरकारी विद्यालय या मदरसा, क्या है पूरा मामला?
- प्राथमिक विद्यालय रगरम में बच्चे हुए गेट से बाहर, स्थानीय लोगों ने ब्यक्त की कड़ी नाराजगी।
- आखिरकार कौन है जिम्मेदार जो सरकारी विद्यालय में हो रही मदरसे की पढ़ाई?
- ग्रामीणों के मुताबिक स्कूल के प्रधानाध्यापक द्वारा दिया जा रहा था मालिकाना हक।
- इस मामले में तीन लोग को किया गया माननीय न्यायालय के हवाले।
सोनभद्र / सोन प्रभात
कोन सोनभद्र। नवसृजित विकास खण्ड कोन के अंतर्गत ग्राम पंचायत बरवाखाड़ के टोला रगरम में प्राथमिक विद्यालय स्थित है जो यह सरकारी विद्यालय है। ग्रामीणों की मानें तो कुछ दिन पहले से ही प्रधानाध्यापक के मिली भगत से उक्त विद्यालय में मदरसे की पढ़ाई की जा रही थी और मौलाना को विद्यालय की चाबी देकर मालिकाना हक देने की साजिश रची गई थी। आज ग्रामीणों द्वारा सूचना मिली की कुछ मौलवी द्वारा गेट पर ताला लगाकर बली बांस लगाकर उसे कब्जा करने के नियत से ऐसा कार्य किया जा रहा था ताकि विद्यालय में मदरसे की पढ़ाई की जा सके।
स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना संघ के हरिशंकर वर्मा को दिया तत्त्पश्चात् उनके द्वारा मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया तो विद्यालय बंद मिला व बच्चे गेट के बाहर खड़े थे जिसके क्रम में विद्यालय के प्रधानाध्यापक से उनसे वार्ता की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला इसके बाद संघ के स्थानीय कार्यकर्ता के द्वारा क्षेत्र में अन्य लोगों सहित खण्ड शिक्षा अधिकारी को जानकारी दी। जिसकी सूचना पाकर स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुँच कर संबंधितों को थाने ले गई। जहाँ जांचोपरांत स्थानीय पुलिस द्वारा संबंधित धारा में कार्यवाही करते हुए तीन लोगों को चालान कर दिया गया।
मौके पर क्षेत्र पंचायत सदस्य सहित तमाम ग्रामीण व संघ के वर्मा जी उपस्थित थे ।
उक्त प्रकरण के संबंध में प्रधानाध्यापक से सेलफोन पर वार्ता किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि मेरे ऊपर अधिकारी हैं और अधिकारियों द्वारा पत्रकारों से वार्ता नहीं करने की नसीहत दी गई । मौके पर उपस्थित रहे कोन थाना के उपनिरीक्षक रामगोपाल ने बताया कि इस संबंध में तीन लोगों का चालान कर दिया । इसी क्रम में सहायक खण्ड शिक्षा अधिकारी लोकेश कुमार मिश्र ने बताया कि प्रधानाध्यापक द्वारा थाने पर लिखित तहरीर दे गयी है साथ ही मेरे द्वारा प्रधानाध्यापक को उक्त प्रकरण से संबंधित कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है । आखिर एक सवाल स्थानीय लोगों के जेहन में जरूर उठ रहा है कि ऐसे प्रधानाध्यापक के ऊपर संबंधित विभाग द्वारा कार्यवाही होगा कि नहीं ?इसे लेकर लोगों के मन में संशय जरूर है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों में रोष ब्याप्त है।