दुद्धी / सोनभद्र : जितेंद्र चंद्रवंशी/ सोन प्रभात
दुद्धी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपजिलाधिकारी निखिल यादव के निरीक्षण का भी कोई विशेष प्रभाव नहीं दिखा। मंगलवार को जब एसडीएम के निरीक्षण की खबर फैली, तो अस्पताल में अचानक सफाई और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की गतिविधि शुरू हो गई। मरीज इस असामान्य बदलाव को देखकर हैरान हो गए, क्योंकि कई दिनों बाद अस्पताल में ऐसी सफाई और व्यवस्थाएं देखी गईं। जब एसडीएम साहब अस्पताल पहुंचे, तो वहां की व्यवस्थाएं देखकर वे संतुष्ट नजर आए।
निरीक्षण का आभासी प्रभाव
एसडीएम के निरीक्षण के समय अस्पताल को साफ-सुथरा और व्यवस्थाओं को व्यवस्थित दिखाया गया, लेकिन असल में यह सब उनके आने से कुछ घंटे पहले ही किया गया था। निरीक्षण के दौरान कुछ लोगों ने एसडीएम को अस्पताल की व्यवस्थाओं की तारीफ करते हुए वहां के चिकित्सकों की 24 घंटे की मेहनत और लगन की कहानियां सुना महिमा मंडित करने में लगे थे। हालांकि, एसडीएम ने चिकित्सा अधीक्षक से अस्पताल में व्याप्त समस्याओं की जानकारी लेकर उसे अपनी डायरी में नोट किया वही कुछ कर्मचारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें सुधार करने को कहा।
निरीक्षण होता रहता तो व्यवस्थाएं भी अच्छी होती
एसडीएम के निरीक्षण के बाद मरीजों और स्थानीय लोगों ने टिप्पणी की कि अगर रोज़ ऐसा निरीक्षण होता, तो शायद उन्हें बेहतर इलाज और साफ-सफाई मिलती रहती। अस्पताल के निरीक्षण के तुरंत बाद फिर से स्थिति वैसी ही हो गई, जैसी पहले थी साफ-सफाई और व्यवस्था फिर से बिगड़ गई।
सीएचसी दुद्धी में सुधार की जरूरत
यह इस बात का प्रमाण है कि अस्पताल की समस्याएं सिर्फ दिखावे के लिए हल नहीं की जा सकतीं। निरीक्षण के दौरान भले ही व्यवस्थाओं को सुधारने का नाटक किया गया हो, लेकिन जब तक नियमित रूप से देखरेख और सेवाओं में सुधार नहीं किया जाएगा, तब तक यहां के मरीजों की समस्याएं बनी रहेंगी।