चिंताजनक :- मादक पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से, पुलिस प्रशासन मौन।

सोनभद्र- सोनप्रभात
वेदव्यास सिंह मौर्य
रायपुर थाना क्षेत्र लगभग डेढ़ वर्ष से चरागाह बन गया है, गांव गांव मादक पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। वहीं रायपुर पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।सबसे बड़ी बिडम्बना तो यह है कि एस.ओ.जी.की टीम रायपुर थाना क्षेत्र से गांजा पकड़ कर ले जाती है, लेकिन रायपुर पुलिस को लगभग डेढ़ साल से एक भी गांजा बेचने वाले नहीं मिले। है न आश्चर्य की बात?
आखिर क्यों नहीं पकड़े जाते मादक पदार्थों की बिक्री करनेवाले।इससे तो कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि रायपुर पुलिस की संलिप्तता से यह धंधा तेजी से फलफूल रहा है।थाना क्षेत्र का शायद ही कोई गांव है जहां गांजा,अबैध शराब न बेची जाती।दिन रात महुआ की शराब की भठ्ठीयां धधकती रहती हैं।पीने वालों की लाइन लगी रहती है।जब मंदिर के और स्कूल के पास शराब बेची जा रही है, तो आप अपने बच्चों के भविष्य के बारे में क्या कहेंगे।सुत्रों के अनुसार गांजा बेचने वालों से एक हजार से दो हजार रुपये प्रति मांह लिए जाते हैं।महुआ की शराब बेचने वाले एक हजार से लेकर दस हजार रुपये तक लिए जाते हैं।जो जिस प्रकार का धंधा करता है।जैसे फुटकर बेचने वाले अलग थोक विक्रेता का अलग रेट है।इसके लिए बाकायदा दो प्राइवेट कारखास रखे गए हैं जिनका काम सिर्फ वसूली करना है।दिन हो या रात्रि किसी न किसी मोड़ पर दिखाई जरूर देंगे।रायपुर थाना क्षेत्र में कुछ भी संभव है यहां तो रुपये के बल पर मुकदमा भी बदल दिया जाता है।
खलियारी बाजार से एक युवक को हिरोइन के साथ पकड़ा गया था जिसका चालान गांजा मे किया गया था।खलियारी बाजार के एक ब्यवसाई के यहां दो दो बार चोरी होती है मुकदमा मारपीट का लिखा जाता है ऐसे अनेकों मामले हैं तो इसके आगे लिखना बेकार है।क्योंकि जिले में पुलिस विभाग से जुड़े अधिकारी ही मूकदर्शक बने हैं तो क्या ही लिखा जाए।