gtag('config', 'UA-178504858-1'); तीन दोहे:- सुरेश गुप्त "ग्वालियरी" - सोन प्रभात लाइव
कला एवं साहित्य

तीन दोहे:- सुरेश गुप्त “ग्वालियरी”

सोनप्रभात – कला एवं साहित्य 

  • खाली बोतल हाथ में,
    सूखा पड़ा गिलास!!
    आजा बादल झूम के,
    मन है आज उदास!!

 

  • खेत नदी तालाब के,
    प्यासे सूखे होंठ!!
    खड़ा पेड़ भी रो रहा,
    ले पत्तों की ओट!!

 

  • बहुत शरारत हो चुकी,
    तरस रहे अब नैन!
    बरसो प्यारी बादरी,
    मिल जाये कुछ चैन!!
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