शासन गई ,सत्ता गई ,पर फिर भी नहीं जगा विकास का राह ।क्या होगा इस क्षेत्र का भगवान ही मालिक है?

गोविंदपुर ,(आश्रम) – खैराही,- सोनभद्र
प्रशान्त दुबे/आशीष गुप्ता- सोनप्रभात
प्रदेश का अति राजस्व देने वाला जिला जनपद सोनभद्र! हम बात कर रहे हैं ,प्रदेश के अति आदिवासी बहुल पिछड़े जनपद सोनभद्र के ग्रामीण इलाके की।
जी हां हम बात कर रहे हैं,
म्योरपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत खैराही की !तस्वीर , कागज पर कुछ और और जमीनी हकीकत कुछ अजब। प्रदेश के मुखिया से लेकर ग्राम पंचायत प्रतिनिधि तक सिर्फ खानापूर्ति करते नजर आते हैं। सिर्फ अपनी जेब टटोलते हैं। सिर्फ और सिर्फ आपस में लुकाछिपी का खेल खेला करते हैं।जनपद के अति पिछड़े ग्रामीण इलाके के लोग विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ।जैसे रोजमर्रा की चीजें पीने को पानी आवागमन के लिए सड़क, जिससे कि कई प्रकार की दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है और अक्सर हो भी जाती है।

एक ओर जहां देश में वैश्विक महामारी (कोविड-19)corona वायरस का प्रकोप जारी है वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत खैराही के ग्रामीण पानी पीने को तरसते हैं ।वहीं दूसरी ओर आवागमन की स्थिति सही न बनने के कारण आए दिन विभिन्न दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है और पर्याप्त मात्रा में बिजली ना आने के कारण इस बरसात में विभिन्न प्रकार के विषैली जंतुओं की काटने की स्थिति बनी रहती है।
खासकर के छोटे बच्चे और बुजुर्गों की स्थिति अति दुर्बल बनी रहती है।

लगभग 30 वर्षों से अधिक मिर्जापुर से नया जनपद सोनभद्र बने हो गए हैं और विभिन्न राजनीतिक दल का सत्ता परिवर्तन भी होता रहा है
फिर भी कोई विकास कार्य पूरा दिक्कत नजर नहीं आ रहा है। और आने वाले दिनों में क्या होगा इस ग्रामीण क्षेत्र का भगवान ही मालिक है।