दुद्धी गायत्री प्रज्ञा पीठ मन्दिर पर विश्व कल्याण के लिए 5 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ हुआ।
दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी – सोन प्रभात
- – विद्यारंभ संस्कार व मुंडन संस्कार भी संपन्न कराए गए।
दुद्धी सोनभद्र गायत्री प्रज्ञा पीठ वार्ड नंबर 5 दुद्धी स्थित मंदिर पर पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ वैदिक मंत्रोच्चारण ऋचाओ के बीच मंदिर के स्थापना दिवस पर संपन्न हुआ। लोक कल्याण के उद्देश्य से किया गया यज्ञ सन्मार्ग पर ले जाने, अंतः करण की शुद्धता, व मानवीय मूल्यों की रक्षा आदि के लिए यज्ञ का संपादन सनातन परंपरा से ईश्वरी सत्ता को प्रसन्न के लिए यज्ञ द्वारा आह्वान किया गया।
व्यास पीठ पर विंढमगंज से पधारे हुलास प्रसाद यादव नगवा से शिवकुमार, विजय कुमार द्वारा शांतिकुंज मिशन हरिद्वार के द्वारा प्रशिक्षित देव तुल्य गायत्री परिवार के लोगों द्वारा परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य व वंदनीय माता भगवती शर्मा के साधना त्याग और बलिदान को व्यासपीठ द्वारा रखा गया, विचार क्रांति अभियान से बदलेगा मानव जीवन और सार्थक होगा जीवन का उद्देश्य का मार्ग प्रशस्त कराते गायत्री परिवार जनों के द्वारा पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ संपन्न कराया गया।
इस मौके पर डॉ लवकुश प्रजापति द्वारा मिशन के कार्य की सराहना करते हुए अपने अनुभव को साझा किया, महेश आनंद भाई जी द्वारा व्यासपीठ सहित सभी कुंड पर बैठे गुरु भाई बहनों का तिलक लगाकर व अक्षत पुष्प वर्षा कर अभिनन्दन किया गया, मुख्य यजमान जीवन राम चंद्रवंशी व ज्योति देवी चंद्रवंशी द्वारा गुरुदेव व वंदनीय माता के प्रतिमा पर देव पूजन पुष्प दीप धूप अर्पित किया गया, विद्या संस्कार व मुंडन संस्कार भी संपन्न कराए गए।
मन चित को शांत करने वाला आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत शांतिकुंज हरिद्वार के विचार क्रांति के सानिध्य में संपादित यज्ञ हवन पूजन में शानदार भक्ति गीत द्वारा युग परिवर्तन पर जन जागरण कर आध्यात्मिक गुरु सत्ता का एहसास कराया गया,जिससे अन्तः करण की शुद्धता हो सके।
इस पावन अवसर के साक्षी सुरेंद्र कुमार अग्रहरी, रामेश्वर प्रसाद राय, देवेश मोहन,जितेंद्र कुमार चंद्रवंशी, पन्ना लाल कुशवाहा, डॉक्टर रामनाथ प्रजापति,इनर्मनी देवी ,राम दास कुशवाहा,भगवान दास कुशवाहा, सोबरन, प्यारे लाल, जय गोविन्द, विमला देवी,वीरेंद्र कुमार सिंह, महेंद्र कुमार मिश्रा,सहित दर्जनों गुरु भाई बहनों द्वारा यज्ञ पूजन हवन में सहभागिता कि गई। तत्पश्चात भंडारे का भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।