February 6, 2025 5:56 PM

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सोनभद्र-: हैकरों ने स्वास्थ विभाग का खाता किया हैक, 92 लाख रु0 उड़ाए।

सोनभद्र – सोनप्रभात/ वेदव्यास सिंह मौर्य / जितेंद्र चन्द्रवंशी

जनपद सोनभद्र में अभी तक आप आम आदमी के खातों से ऑनलाइन शॉपिंग और पैसा चोरी की साइबर क्राइम के मामले ही सुने होंगे लेकिन आज आपको हम उन्हें हैकरो की कारस्तानी बताएंगे जो अब सरकारी विभागों के खातों पर भी डाका डाल रहे हैं।मामला यूपी के जनपद सोनभद्र का बताया जा रहा है जहां स्वास्थ्य विभाग के एनआरएचएम खाते से 92 लाख रुपये की चोरी का मामला सामने आया है।जानकारी होने पर विभाग में हड़कम्प मच गया।

किन परिस्थितियों में खातों से पैसा गायब हो गया इसको लेकर जिले के मुख्य विकास अधिकारी ने पुलिस को तहरीर देकर जांच की बात कही है।

प्रतीकात्मक तस्वीर – सोनप्रभात

वही मामले में एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि सीएमओ ने बताया कि एनआरएचएम का 92 लाख रुपये कई खातों में ट्रांसफर किया गया है, मामला एक लाख से ऊपर का है इसलिए मंडल में स्थित साइबर सेल मिर्जापुर को ट्रांसफर किया गया है, जांच वहीं से हो रही है।बतादे की संगठित होकर ये क्राइम किया गया है।ऐसा भी हो सकता है कि यह वारदत और जिलों में भी की गयी हो।वही मामला बाहर आने के बाद सीएमओ मीडिया से मामले को छुपते नजर आए।

  • बाइट-:अमरेंद्र प्रसाद सिंह (एसपी-सोनभद्र)

इतनी बड़ी रकम चले जाने की खबर विभाग को जनवरी को तब हुआ जब विभाग के एकाउंटेंट तौहीद आलम को स्टेटमेंट देखकर शक हुआ। जब जांच आगे बढ़ी तो मामला परत दर परत खुलने लगी। लेकिन तब तक काफी देर हो चुका था और हैकरों ने स्वास्थ्य विभाग के 4 खातों से 71 बार ट्रांजेक्शन कर 92 लाख 10 हजार निकाल चुके थे।

पुलिस अधीक्षक सोनभद्र – अमरेंद्र प्रसाद सिंह

मामले की गंभीरता को देखते हुए सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सोनभद्र का बैंक खाता ही बन्द करा दिया और मामले की जानकारी पुलिस को देते हुए एक अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।

प्रतीकात्मक तस्वीर

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित खातों को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा PFMS पोर्टल के माध्यम से संचालित किया जाता है, चूंकि यह मामला त्रैमासिक बैंक समाधान विवरण बनाते समय सामने आया। पहला ट्रांजेक्शन 16 अक्टूबर 2020 को किया गया था, उसके बाद 25 जनवरी 2021 तक हैकरों के 20 अलग-अलग खातों में कुल 92.10 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ये चारों खाते भारतीय स्टेट बैंक में संचालित होते हैं। जो अभी तक जानकारी मिल सकी है, उसके मुताबिक भागलपुर, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल व असम के खातों में ये ट्रांजेक्शन हुआ है।”

डॉ0 अग्रवाल ने बताया कि “मामले की जानकारी जिलाधिकारी व पुलिस को दी गयी है साथ ही एफआईआर भी दर्ज करा दिया गया है।
उन्होंने माना कि चूंकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का खाता सीज कर दिया गया है तो निश्चित तौर पर इस विभाग से जुड़े कर्मचारियों के वेतन में दिक्कत आ सकती है।”

बहरहाल साइबर क्राइम का शिकार स्वास्थ्य विभाग भले ही एफआईआर दर्ज करा कर मामले को पुलिस विभाग के पाले में डाल दिया हो। मगर सवाल यह उठता है कि जहां एक तरफ सरकार लगातार डिजिटल की बात कर रही है और सरकारी विभाग खुद सुरक्षित नहीं है, ऐसे में आम जनता कितनी सुरक्षित हो पाएगी यह एक बड़ा सवाल है।

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