सम्पादकीय– सोनप्रभात ⁄ आशीष गुप्ता –खोजों पर आधारित लेख
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में स्थित “बागेश्वर धाम”, (Bageshwar Dham) जो स्वंयभू हनुमान जी की दिव्यता के लिए देश – विदेश में प्रसिद्ध है। कई तपस्वियों की दिव्य भूमि है बागेश्वर धाम, जहां लोगों को बालाजी महाराज की कृपा और आशीर्वाद दर्शन मात्र से ही मिल जाते हैं। यहां बालाजी महाराज एक अर्जी के माध्यम से सुनते हैं आपकी समस्या और धाम के पीठाधीश्वर पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज, जिसे दुनिया बागेश्वर धाम सरकार के नाम से संबोधित करती है, के माध्यम से समाधान करवाते हैं।
कौन हैं बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Sarkar)
करीब 300 साल पहले जिस मानव कल्याण और जनसेवा की परंपरा को सन्यासी बाबा ने शुरु किया था, अब इसी परंपरा को और आगे बढ़ा रहे हैं बालाजी महाराज के कृपा पात्र, श्री दादा गुरुजी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shashtri) , जिसे पूरी दुनिया बागेश्वर धाम सरकार के नाम से संबोधत करती है। भक्तों का कष्ट हरने भगवान खुद इस धरती पर नहीं विराजते बल्कि अपने किसी दूत को भेजते हैं। बागेश्वर धाम सरकार, बालाजी के वो भक्त हैं जिनपर उनकी असीम कृपा है। यहां जो भी बालाजी महाराज की शरण में अपनी मनोकामना लेकर आता है, बालाजी महाराज अपने परम भक्त बागेश्वर धाम सरकार के माध्यम से उसे पूर्ण करवाते हैं।
4 जुलाई 1996 को मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में सरयूपारीय ब्रह्मण परिवार में पिता श्री रामकृपाल जी महाराज और भक्तिमति माता सरोज के परिवार में जन्मे पूज्य गुरुदेव का बचपन गरीबी और तंगहाली में बीता। कर्मकांडी ब्राह्ण का परिवार था, तो पूजा पाठ में जो दक्षिणा मिल जाती उसी से 5 लोगों का परिवार चलता। ऐसे में पूज्य महाराज श्री को अपनी शिक्षा भी अधुरी छोड़नी पड़ी। तीन भाई-बहन में सबसे बड़े गुरुदेव का पूरा बचपन अपने परिवार के भरण-पोषण की व्यवस्था करने में ही गुज़र गया।
लेकिन एक दिन बालाजी महाराज की आज्ञा और कृपा से उन्हें उनके दादा जी श्री श्री 1008 दादा गुरु जी महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ और दादा गुरु के आशिर्वाद और आदेश से महाराज श्री बालाजी महाराज की सेवा में जुट गए। सन्यासी बाबा और इस धाम की महिमा को दुनिया भर में फैलाया और आज इसका नतीजा है धाम पर हर मंगलवार और शनिवार को पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़।
कैसे मिलेगा बागेश्वर धाम में टोकन?
बागेश्वर धाम में टोकन समय समय पर वितरित किए जाते हैं। इसके लिए आपको बागेश्वर धाम कमेटी से संपर्क करना होगा। इसके लिए एक तिथि निर्धारित की जाती है और तिथि से पहले बागेश्वर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सूचित किया जाता है कि इस तारीख को टोकन डाले जाएंगे। इसके लिए परिसर में एक पेटी रखी होती है, जिसमें आपको अपना नाम, पिता का नाम ,अपने गांव, जिला, राज्य का नाम पिन कोट के साथ लिखना होता है और साथ ही अपना मोबाइल नंबर लिखकर डालना होता है। टोकन डालने के बाद जिस व्यक्ति का नंबर लगता है उस व्यक्ति से बागेश्वर धाम कमेटी मोबाइल नंबर के माध्यम से संपर्क करती है और उसे टोकन दे दिया जाता है। इस टोकन में आपको एक तारीख मिलती है औऱ उस दिन ही बागेश्वर बालाजी महाराज के दरबार में आपको हाज़री लगानी होती है।
बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगती है?
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने की प्रक्रिया बेहद सरल है। करना भी इतना होता है कि आप जब धाम पर आते हैं तो आपको लाल कपड़े में एक नारियल बांध कर धाम परिसर में रखना होता है। हालांकि यहां आप लाल, पीले और काले कपड़े में बंधा नारियल देखेंगे। इसके पीछे की वजह ये है कि अगर आपकी अर्जी सामान्य है तो और लाल कपड़े में नारियल बांधे, अगर शादी-विवाह से जुड़ी अर्जी है तो नारियल को पीले कपड़े में बांधे और अगर अर्जी प्रेत बाधा से जुड़ी है तो नारियल को काले कपड़े में बांधे।
कई बार अपनी कथाओं में भी पूज्य गुरुदेव कहते हैं कि अगर आप धाम आकर ऐसा नहीं कर सकते तो अपने घर में स्थित पूजा स्थल पर आप ऐसा कर सकते हैं। बागेश्वर बालाजी महाराज आपकी अर्जी को अवश्य सुनेंगे।
कब डाले जाते हैं टोकन?
टोकन कब डलेंगे, उस दिन का निर्धारण खुद पूज्य गुरुदेव करते हैं। जब तिथि तय हो जाता है तो सोशल मीडिया द्वारा या फिर गुरुदेव के दिव्य दरबार के आखिर में इसकी सूचना दे दी जाती है। टोकन लेने के लिए जिस पर्ची को भक्त जमा करता है, उनमें से कुछ पर्चियों को छांट कर फोन के माध्यम से भक्तों से संपर्क किया जाता है। इसका मतलब ये होता है कि बालाजी महाराज की इच्छा और आशीर्वाद से आपका नंबर आ जाता है।
कितनी पेशी जरूरी है ?
बंधुओं, दरबार में जब आप की अर्जी लग जाती है तो दिव्य दरबार में पूज्य गुरुदेव खुद बता देते हैं कि कितनी पेशी आपको करनी है। वैसे तो कम से कम 5 मंगलवार की पेशी हर भक्त को करने का आदेश आता है। आप भक्तगण इससे अधिक पेशी भी कर सकते हैं और हां जब तक आपकी पेशी पूरी नहीं हो जाती, तब तक मदिरा, मांस, लहसुन और प्याज का सेवन पूरी तरह से वर्जित रखना होता है।
2023 के आगामी कार्यक्रम कहां –कहां पर है?
- श्रीराम कथा: दिनांक :- 13 फरवरी से 18 फरवरी 2023 स्थान :- आश्रम, मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
- श्रीराम कथा: दिनांक :- 25 फरवरी से 5 मार्च 2023 स्थान :- टीकमगढ़, मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार
- श्रीराम कथा: दिनांक :- 4 से 12 अप्रैल 2023 स्थान :- विदिशा, मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
- श्रीमद्भागवत कथा: दिनांक :- 20 से 26 अप्रैल 2023 स्थान :- सागर, मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
- श्रीमद्भागवत कथा: दिनांक :- 4 से 10 मई 2023 स्थान :- , मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
- श्रीमद्भागवत कथा: दिनांक :- 25 से 31 मई 2023 स्थान :- खेराना, सागर, मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
- श्री राम कथा: दिनांक :- 8 से 17 जुलाई 2023 स्थान :- पेरिस, फ्रांस लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल.…..
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