December 22, 2024 9:38 PM

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सोनभद्र : 6 साल पहले नाबालिग के साथ किए दुष्कर्म में पत्नी ने दिया था साथ दंपति को मिला10 साल की कैद।

जुगैल थाना क्षेत्र का मामला, लगभग 6 वर्ष पूर्व किए अपराध में पति पत्नी को मिली सजा।

 

  • -छह वर्ष पूर्व पत्नी की मिलीभगत से नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने का मामला।
  • 17- 17 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई,अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी। अर्थदंड न देने पर 6- 6माह की अतिरिक्त कैद।

 

सोनभद्र – सोन प्रभात / राजेश पाठक – आशीष गुप्ता

सोनभद्र। छह वर्ष पूर्व पत्नी की मिलीभगत से नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी दंपती विशेष विश्वकर्मा एवं अमरावती को 10- 10 वर्ष की कैद व 17- 17 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6- 6माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी। जेल में वितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी।

क्या थी पूरी घटना ?

अभियोजन पक्ष के मुताबिक जुगैल थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने 14 अप्रैल 2017 को थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 10 अप्रैल 2017 को रात 10 बजे उसकी 11 वर्षीय नाबालिग बेटी घर पर थी। तभी खेवंधा गांव निवासी विशेष विश्वकर्मा पुत्र राजेंद्र विश्वकर्मा उसकी बेटी को बुलाकर छेड़खानी करने लगा। जब बाहर निकली तो देखी उसकी बेटी को पकड़ कर घसीट रहा था। विशेष विश्वकर्मा उसे देखा तो बेटी को छोड़कर भाग गया। जब हरकत के बारे में पूछने गई तो वह उसे गाली देने लगा। डर की वजह से उस दिन थाने सूचना देने नहीं गई। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचक ने पत्नी की मिलीभगत से नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया जाना पाया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विशेष विश्वकर्मा व उसकी पत्नी अमरावती देवी के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था।

6 साल लग गए न्याय मिलने में …

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी दंपती विशेष विश्वकर्मा व अमरावती को 10- 10 वर्ष की कैद एवं 17- 17 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6- 6माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

 

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