सोनभद्र , बीजपुर क्षेत्र में तैनात एक चर्चित लेखपाल के कार्य प्रणाली से गाँवों में जमीनी विवाद बढ़े हैं। राजस्व महकमे की सेटिंग गेटिंग से अधिकांश मामले विवादित लोगों के पक्ष में फैसला करने से काश्तकारों में जबरदस्त आक्रोश ब्याप्त है।बीजपुर के काश्तकार चतुरा नन्द जायसवाल का आरोप है कि लेखपाल राजस्व बिभाग का कार्यालय बनाने के नाम पर थाना के बगल में उनकी पुस्तैनी जमीन पर महल खड़ा कर उक्त नम्बर की जमीन को फर्जी ढंग से अपने पत्नी के नाम बैनामा भी करा लिया है। इतना ही नहीं नेमना गाँव के काश्तकार श्याम बैसवार ने बताया कि उनकी बगैर मौजूदगी में लेखपाल ने दूसरे पक्ष से घूस लेकर उनके पट्टीदारों को उनकी कीमती जमीन पर नापी
कर कब्जा करा दिया और अब वह न्याय के लिए पुलिस स्टेशन बीजपुर का चक्कर काट रहा है। बीजपुर के शांतिगर टोला निवासी एक गरीब गूंगे बहरे की गवर्मेंट ग्रांट सवा तीन बीघा सरकारी जमीन का फर्जी और गोपनीय तरीके से फील्ड बुक बनवा कर एक तथाकथित भूमाफिया की मिली भगत से उसके रिश्तेदारों पट्टीदारों के नाम नापी करा कर कब्जा करा दिया गया और अब गरीब गूंगा बहरा एसडीएम कोर्ट दुद्धि का चक्कर काट रहा है।इतना ही नही ग्राम पंचायत रजमिलान, डोडहर, नेमना, बीजपुर सहित अनेक गाँवों में इस समय जमीनी विवाद सुरसा की तरह मुँह फैलाएं है। कब कहां अप्रिय घटना घट जाय कोई नही जानता बावजूद लेखपाल की नीति और नियत ने लोगों को मुशीबत में डाल कर खड़ा कर दिया है।जनचर्चा पर गौरकरे तो लेखपाल इस समय बीजपुर में प्रॉपर्टी डीलिंग के कार्य मे संलिप्त हैं। बताया जाता है कि पत्नी परिवार रिश्तेदार के नाम कई जगह जमीन और मकान खरीद कर छोड़ा है जो वक्त के अनुसार बेचने का गोरख धंधा भी किया जाएगा। कुल मिलाकर सरकार से भारी भरकम वेतन उठा कर भी अगर किसी सरकारी कर्मचारी का पेट नही भर रहा है तो निश्चित रूप से वह अपना साइड धंधा तो करेगा ही ?? लोगों ने जिलाधिकारी सोनभद्र से विवादित लेखपाल को तत्काल प्रभाव से हटाने और इनके तथा इनके परिजनों के नाम हुई चल अचल सम्पत्ति की जांच कराए जाने की मांग की है।