संवाददाता–संजय सिंह
परिवहन माफिया की प्रशासन के प्रति यह सोच हो गई है कि तू डाल डाल तो मैं पात-पात.. मेन हाइ़वे पर चेकिंग व सख्ती बढ़ी तो परिवहन माफियाओं ने बिना परमिट के गिट्टी, बालू व भक्सी को खपाने के लिए साटकट सस्ता को चुन लिया। ग्रामीणों की
माने तो बड़ी संख्या में अवैध गिट्टी बालु लदी गाड़ियां चिरुई के रास्ते अमहवा व वार परसौना गांव होते हुए रामगढ़ की तरफ निकल रही हैं वार परसौना के प्रधानपति मार्कण्डेय पटेल ने बताया कि परिवहन माफियाओं ने महीनों से ग्रामीणों का जीना दुश्वार किया है और रात की नींद छीन ली है । प्रधानपति ने बताया कि परिवहन माफिया पूरी रात हाइवा व टीपर से बेखौफ तरीके से अवैध बालू, गिट्टी व भस्सी ढोया जाता है। उन्होंने बताया कि इस रास्ते परिवहन होने से गांव की सड़कें बिल्कुल क्षतिग्रस्त हो गई हैं और जगह-जगह बड़े बड़े गड्डे हो गए हैं । उन्होंने बताया कि वे इसकी लिखित शिकायत जिलाधिकारी से भी की है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुआ। गांव में पिछले 2दिनों से पड़े हुए अवैध गिट्टी के बारे में बताया कि सुनने में यही आया कि रात मे जब परिवहन माफिया अवैध गिट्टी लादकर जा रहे थे
तभी मुखबिर की सूचना पर अधिकारी गाड़ी का पीछा करने लगे इसी बीच परिवहन माफियाओं को भी अधिकारियों के पीछे लगने की भनक लग गयी। जिसके बाद परिवहन माफिया अबैध गिट्टी को वहीं सड़क किनारे गिराकर गाड़ी लेकर फरार हो गए, और तब से यह गिट्टी उसी स्थान पर पड़ी हुई है। चर्चा है कि इस खेल में वन विभाग व स्थानीय पुलिस भी मिली हुई है, जो रात लोकेशन देने का काम करती है प्रधानपति ने बताया कि पूरी रात सैकड़ों गाड़ियां यहां से गुजरती हैं। प्रधानपति ने यह भी बताया कि कभी-कभी परिवहन माफियाओं की गाड़ियां दिन में इतनी
तेज गति से आती है कि हादसे का डर बना रहता है
प्रधान एवं ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध परिवहन
पर लगाम लगाने के साथ ही गांव की सड़कों को बचाया जाए ताकि गांव के लिए बनी सड़कें सुरक्षित रह सके और लोगों को आने जाने में दिक्कत ना हो।
बहरहाल यह तो साफ हो गया कि इस रास्ते अवैध परिवहन का खेल लंबे समय से चल रहा है जिसका प्रमाण गांव की पटरियों पर पड़ा यह अवैध गिट्टी है जिसे अब तक कोई लेने नहीं आया। सूत्रों की माने तो प्रशासन भी इस ताक में है कि जैसे ही कोई गिट्टी को लेने आए वह उसे दबोच सके और परिवहन माफियाओं के सिंडीकेट तक पहुंच सके