● बुनियादी सुविधाएं, विस्थापन पैकेज का तत्काल इंतजाम हो।
● नागरिक समाज की तरफ से दुद्धी में हुआ सम्मेलन , सीएम के नाम पत्र पर चलेगा हस्ताक्षर अभियान।
● विस्थापितों का सवाल बना राजनीतिक मुद्दा।
दुद्धी – सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी/ सोन प्रभात
दुद्धी सोनभद्र, । आज बुधवार को कनहर विस्थापितों का सवाल अब राजनीतिक मुद्दा बनने लगा है। आज दुध्दी के सिविल बार एसोसिएशन के हाल में आयोजित नागरिक समाज के सम्मेलन में जनपद के नागरिक, राजनीतिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने विस्थापितों की पीड़ा के साथ अपने को जोड़ा और सरकार से उनकी समस्याओं को हल करने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई। सम्मेलन में संविधान के मौलिक अधिकार के तहत गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, शुद्ध पेयजल, सफाई, शौचालय, आवास जैसी नागरिक सुविधा देने, छूटे हुए परिवारों को विस्थापन पैकेज देने, विस्थापन सूची में नाम जोड़ने, केंद्र सरकार से कनहर सिंचाई परियोजना के निर्माण के लिए 1050 करोड रुपए जारी करने, अमवार स्थित कनहर विस्थापित कॉलोनी को नई ग्राम पंचायत घोषित करने और आंदोलन के दौरान विस्थापितों पर लगाए मुकदमे वापस लेने की मांग मजबूती से उठी। सम्मेलन की अध्यक्षता सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रामलोचन तिवारी और संचालन ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका ने की। सम्मेलन में मांग पत्र बैरखड के पूर्व प्रधान विस्थापित नेता इस्लामुद्दीन ने रखा।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनीतिक, सामाजिक व नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि कनहर विस्थापितों के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है। मुख्य बांध बनने से 11 गांव के विस्थापित अपनी गांव, जमीन, घरों से बेदखल हो गए हैं। जिस विस्थापित कॉलोनी में वह रह रहे हैं वहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। सैकड़ो लोगों को आज तक विस्थापन पैकेज नहीं दिया गया और हजारों लोगों को विस्थापन सूची में शामिल नहीं किया गया। विस्थापन की पीड़ा को कनहर विस्थापित भुगत रहे हैं लेकिन दुध्दी के विधायक मौन धारण किए हुए हैं। हद तो यह है कि अपील करने के बावजूद मानसून सत्र में कनहर विस्थापितों की पीड़ा को विधानसभा में उन्होंने उठाने की जरूरत महसूस नहीं की। विस्थापितों का दर्द सोनभद्र के हर नागरिक का दर्द है और सरकार को विस्थापितों के मौलिक अधिकारों का संरक्षण करना चाहिए। सम्मेलन में मुख्यमंत्री के नाम संबोधित मांग पत्र पर बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर कराने का फैसला हुआ।
सम्मेलन को आईपीएफ के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर, सीपीएम के जिला सचिव नंदलाल आर्य, सीपीआई के जिला सचिव आरके शर्मा, म्योरपुर जिला पंचायत सदस्य सुषमा गोंड, बघाडू जिला पंचायत सदस्य जुबेर आलम, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रभु सिंह एडवोकेट, विस्थापित नेता गंभीरा प्रसाद, पूर्व प्रधान चंद्रदेव गोंड, पूर्व प्रधान रामनारायण गोंड, फणीश्वर जायसवाल, अशोक कुमार कन्नौजिया, मजदूर किसान मंच के जिला अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गोंड, संयुक्त युवा मोर्चा की सविता गोंड, आइपीएफ के तहसील संयोजक शिव प्रसाद गोंड, मंगरु प्रसाद श्याम, देव कुमार विश्वकर्मा आदि ने संबोधित किया।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.